चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी पट्टली मक्कल काची (पीएमके) ने 31 दिसंबर को एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र और राज्य सरकार से तमिलनाडु में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का विस्तार नहीं करने का आग्रह किया है।
इस संबंध में पीएमके का कहना है कि इस तरह के कदम से राज्य में लोगों के बीच ‘अनावश्यक भय और तनाव’ पैदा होगा। क्षेत्रीय दल ने लोगों के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर कुछ आशंकाओं को दूर करने का भी आग्रह किया है।
विल्लुपुरम जिले के ओमंदुर स्थित पार्टी मुख्यालय में पार्टी की एक विशेष आम सभा के दौरान इसने 18 प्रस्ताव पारित किए। प्रस्ताव में कहा गया कि तमिलनाडु पड़ोसी देशों के साथ भूमि सीमा साझा नहीं करता है। इसलिए अन्य देशों के लोगों के तमिलनाडु में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोई संभावना नहीं है।
प्रस्ताव के अनुसार, तमिलनाडु में आए श्रीलंकाई शरणार्थियों के बारे में जानकारी पहले से ही केंद्र के पास है, इसलिए तमिलनाडु में एनआरसी को अपडेट करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
यह दावा करते हुए कि एनआरसी को तैयार करने से तमिलनाडु में लोगों में ‘अनावश्यक भय और तनाव’ पैदा होगा, पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह किया कि वे एनआरसी को राज्य में न लाएं।
पार्टी ने कहा कि ऐसा भी दावा किया गया है जिसमें राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने को लेकर केंद्र की घोषणा को एनआरसी के पूर्ववर्ती के रूप में देखा जा रहा है।
एक अन्य प्रस्ताव में तमिलनाडु में रहने वाले श्रीलंकाई शरणार्थियों के लिए दोहरी नागरिकता की मांग की गई। वर्तमान में, वे संसद में केंद्र सरकार द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत शामिल नहीं हैं। पार्टी ने जाति-आधारित जनगणना करने और इसके आधार पर आरक्षण लागू करने की अपनी मांग भी दोहराई।