तिरुपुर/दक्षिण भारत। उदुमलैपेट में अमरावती और तिरुमूर्ति बांधों के किनारे दीमक के प्रसार के बारे में शिकायतों के बाद पीडब्लूडी के अधिकारियों ने उनके द्वारा बनाए गए रेत के ढेर को हटा दिया और इस क्षेत्र में कीटनाशकों का छिड़काव किया। किसानों ने चिंता जताई थी कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो दीमक बांधों के नजदीकी इलाकों में फैलकर उनकी परतों और संरचनाओं को कमजोर कर देगी। इस संबंध में बात करते हुए एक किसान ने बताया, कुछ दिनों पहले मुझे अमरावती बांध के किनारे दीमक द्वारा बनाया गया रेत के ढेर मिले। उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि ये केवल कुछ सप्ताह के हैं्। दीमक को इस तरह के बड़े ढांचे बनाने में चार से पांच साल लगते हैं। ऐसे में अगर इन्हें तुरंत साफ नहीं किया गया तो इससे अमरावती के लिए खतरा पैदा हो सकता है। दीमक द्वारा बनाए गए रेत के ऐसे ही छोटे ढेर तिरुमूर्ति बांध के पास भी पाए गए।
तमिलनाडु फार्मर्स एसोसिएशन (तिरुपुर-उदुमलैपेट) के अध्यक्ष बालादंदापनी ने कहा, उदुमलैपेट में भारी बारिश और पिछले दो महीनों में अमरावती और तिरुमूर्ति बांधों की ओर बहने वाले जलमार्गों की वजह से बांधों के नजदीकी इलाकों में नमी बढ़ गई है। इसने बांधों और उनके किनारों की बाहरी परतों पर रेत के ढेर बनाने के लिए दीमक को आकर्षित किया है। दीमक न केवल बांध की संरचना को कमजोर करती है, बल्कि जल प्रणाली को प्रदूषित भी करती है। हमने तुरंत लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सूचित किया। विभाग के एक अधिकारी ने कहा, शिकायतों के आधार पर, हमने दोनों बांधों पर दीमक द्वारा पैदा हालात का निरीक्षण करने के लिए एक टीम को भेजा। उसने दीमक द्वारा बनाए ढेर को नष्ट कर दिया और इस क्षेत्र में कीटनाशकों का छिड़काव किया है।
अमरावती और तिरुमूर्ति बांध के नजदीक दीमक के प्रसार ने बढ़ाई चिंता
अमरावती और तिरुमूर्ति बांध के नजदीक दीमक के प्रसार ने बढ़ाई चिंता