चेन्नई/भाषा। मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता पर प्रस्तावित द्विभाषिक बायोपिक का विरोध करते हुए निर्देशक गौतम वासुदेव मेनन और अन्य को मंगलवार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति के कल्याणसुंदरम ने जयललिता की भतीजी दीपा कुमार की याचिका के विरूद्ध दायर आवेदन सुनवाई के लिए सामने आने पर मेनन और फिल्मकार विष्णु वर्धन इंदूरी और ए एल विजय से जवाब मांगा।
जब न्यायमूर्ति कल्याणसुंदरम को बताया गया कि तीनों ने पहले से कैविएट दायर कर रखी है तो उन्होंने आदेश दिया कि दीपा उन्हें मामले से जुड़े कागजात दें और फिर उन्होंने मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर तय की। अपने आप को अन्नाद्रमुक की दिवंगत सुप्रीमो की वारिस बताने वाली दीपा ने फिल्मकारों को उनकी सहमति के बगैर परियोजना पर आगे बढ़ने से रोकने की मांग की है। उन्होंने दलील दी कि फिल्मकारों को जयललिता के जीवन और समय पर फिल्म बनाने का कोई कानूनी हक नहीं है। उन्होंने कहा कि तमिल में थलैवी (नेता) और हिंदी में जया नाम से वे लोग फिल्म बनाने वाले हैं तथा बॉलीवुड अभिनेता कंगना रनौत दिवंगत मुख्यमंत्री का किरदार निभायेंगी। जयललिता दिसंबर, 2016 में चल बसी थीं।
दीपा ने कहा कि जयललिता के परिवार का सदस्य होने के नाते वह दिवंगत नेता के जीवन की अहम घटनाओं से संबद्ध रही हैं और ऐसे में उन्हें आशंका है कि फिल्मकार उनकी बुआ और उनके भी जीवन का चित्रण कर सकते हैं और ऐसे में उनकी निजता प्रभावित होगी।
जयललिता की बायोपिक पर फिल्मकारों को नोटिस जारी
जयललिता की बायोपिक पर फिल्मकारों को नोटिस जारी