चेन्नई/दक्षिण भारत। चूहों के आतंक से बड़े-बड़े दफ्तर भी परेशान हैं, लेकिन चूहों को भगाने पर हुए सरकारी खर्च के बारे में पता चलेगा तो शायद आप भी परेशान हो जाएंगे। दरअसल दक्षिण रेलवे के चेन्नई मंडल की तरफ से हर चूहे को पकड़ने के लिए औसतन 22,300 रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
एक सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के तहत यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरटीआई में बाकायदा इस बात का भी जिक्र है कि कहां से, कितने चूहे पकड़े गए। हालांकि इस भारी-भरकम खर्च पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं है।
आरटीआई आवेदन के उत्तर में दक्षिण रेलवे ने बताया कि तीन वर्षों में यहां चूहे पकड़ने पर 5 करोड़ 89 लाख रुपए खर्च कर दिए। इतने रुपए खर्च कर 2636 चूहे पकड़े गए, हालांकि इसके बावजूद ऑपरेशन जारी है। अभी चूहों के आतंक से निजात नहीं मिली। मोटे-मोटे चूहों ने अब तक पार्सल डिपार्टमेंट समेत अलग-अलग विभागों में लाखों का नुकसान कर दिया है।
इससे पहले भी कई सरकारी विभागों में चौंकाने वाले खर्च की रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं। आरटीआई में यह भी बताया गया कि किस डिविजन से कितने चूहे पकड़े गए। इसके मुताबिक चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई एग्मोर, चेंगलपट्टू, तांबरीम और जोलारपेट्टई रेलवे स्टेशनों पर 1700 से ज्यादा चूहे पकड़े गए। वहीं, 900 से ज्यादा चूहे रेलवे के कोचिंग सेंटर से पकड़े गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चेन्नई रेलवे डिविजन के अधिकारी इस लंबे-चौड़े बिल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे। चूहे पकड़ने के मिशन में खर्च हुई भारी-भरकम राशि को लेकर हर कोई हैरान है। इतना पैसा कहां और कैसे खर्च हुआ, कोई अधिकारी इसका जवाब देने को तैयार नहीं है।