चेन्नई/दक्षिण भारत। आसमान छू रही प्याज की कीमतों ने खानपान से जुड़े छोटे व मध्यम प्रतिष्ठानों और कैटरिंग सेवाओं को इसके उपयोग में कटौती करने के लिए मजबूर कर दिया है। उत्तरी चेन्नई में एक मध्यम स्तर का होटल चलाने वाले व्यवसायी कहते हैं कि उन्होंने सांभर में प्याज का उपयोग बंद कर दिया है।
होटल व्यवसायी ने बताया, हर दिन सुबह के नाश्ते, दोपहर और रात के खाने में कम से कम 25 किलो प्याज का उपयोग किया जाता था। अब हमने नाश्ते के लिए प्याज का उपयोग बंद कर दिया है और बाकी के लिए इसे घटाकर 12 किलो कर दिया है।
इस बीच कैटरिंग सेवा प्रदाताओं ने कहा कि वे मात्रा में कटौती करने के बजाय कीमतों में बढ़ोतरी करेंगे। कैटरिंग सेवा से जुड़े एक सुपरवाइजर कहते हैं कि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण खाना महंगा पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि एक महीने पहले जिस प्लेट की कीमत 350 रुपए थी, अब वह 400 तक जा पहुंची है। हम कुछ खास व्यंजनों से प्याज की मात्रा में कटौती नहीं कर सकते।
हालांकि, उन्होंने इस तथ्य को खारिज किया कि ग्राहक प्याज की कीमतों में वृद्धि को समझने में विफल रहे हैं और कीमतों में वृद्धि के लिए उनकी आलोचना करते हैं। चेन्नई होटल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एम. रवि सुझाव देते हैं कि सरकार को पड़ोसी देशों से प्याज खरीदना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्याज के उपयोग में 30 प्रतिशत तक कमी आई है।
होटल एसोसिएशन के सदस्य कहते हैं कि वर्तमान में, यह असर मामूली है, लेकिन अगर समस्या बनी रहती है तो इससे आम लोग, बाजार और होटल प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, कुछ उच्च और मध्यम रेंज के प्रतिष्ठानों का कहना है कि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी ने अभी तक उन्हें प्रभावित नहीं किया है।