चेन्नई/दक्षिण भारत
मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि तमिलनाडु में विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अदालत ने ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। बहरहाल, अदालत ने यह भी कहा कि राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन के लिए निर्धारित समय-सारिणी तथा नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि ऑनलाइन कक्षाओें की निगरानी के लिए जिला मुख्यालयों में समितियां का गठन किया जाना चाहिए। शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के बीच नियमित रूप से एक-दूसरे से संवाद होना चाहिए तथा नियमों का उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कोरोना महामारी प्रेरित लॉकडाउन में स्कूलों के लंबे समय से बंद होने के कारण ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया है।
ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन के खिलाफ विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए अनेक याचिकाएं अदालत में दायर की गई हैं। कुछ याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ऑनलाइन कक्षाओं की वजह से विद्यार्थियों को तनाव एवं आँखों में तकलीफ की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तथा विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान वयस्क वेबसाईटों पर दिखाई जाने वाली सामग्री भी देख सकते हैं।
अदालत ने इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य तथा केन्द्र सरकार को ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन के लिए समुचित दिशा-निर्देश तैयार करने के निर्देश दिये थे। इसके अनुसार राज्य तथा केन्द्र सरकार दोनों ने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए दिशा-निर्देशों को निरूपित किया। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुंदरेश तथा न्यायाधीश हेमलता की खंडपीठ ने यह कहते हुए ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है।
ऑनलाइन कक्षाओं पर रोक लगाने से अदालत का इन्कार
ऑनलाइन कक्षाओं पर रोक लगाने से अदालत का इन्कार