पिता के निधन के कारण हरीश राजपुरोहित जाना चाहते थे जालोर, जीए पृथ्वी के आग्रह के बाद मिला यात्रा पास
चेन्नई/दक्षिण भारत। कोरोना महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन के बीच जहां लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं मदद के हाथ भी आगे बढ़ रहे हैं। राजस्थान के जालोर जिले से ताल्लुक रखने वाले और हाल चेन्नई निवासी हरीश राजपुरोहित के पिता दलारामजी (84) का निधन हुआ तो वे आवश्यक रस्मों के लिए अपने गांव बासडा धनजी जाना चाहते थे लेकिन लॉकडाउन के कारण ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा था।
इसके लिए उन्होंने तमिलनाडु और राजस्थान सरकार के अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन कहीं से भी उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही थी। महामारी को लेकर देशव्यापी पाबंदियों के बीच परिवार के लिए भावनात्मक रूप से काफी मुश्किल समय में भाजपा नेता जीए पृथ्वी ने उनकी तकलीफ के बारे में तमिलनाडु के नगर प्रशासन और ग्रामीण विकास मंत्री एसपी वेलुमणि और आला अधिकारियों को अवगत कराया एवं यात्रा पास दिलाने का आग्रह किया। इसके बाद राजपुरोहित परिवार को गांव जाने की अनुमति मिल गई।
जीए पृथ्वी ने मंत्री वेलुमणि एवं सीएमओ को ट्वीट कर बताया था, ‘हरीश राजपुरोहित के पिताजी का 26 अप्रैल को राजस्थान में निधन हो गया। हरीश चेन्नई में हैं और राजस्थान जाने के लिए यात्रा पास के लिए आवेदन किया था। चेन्नई नगर निगम ने उनका प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। आग्रह है कि कृपया इनके अनुरोध पर तत्काल आधार पर विचार किया जाए।’
हरीश राजपुरोहित ने बताया कि उनके परिवार के चार लोगों को राजस्थान जाने की अनुमति मिली है और वे बुधवार रात आठ बजे रवाना होंगे। उन्होंने कहा कि वे इकलौते पुत्र हैं, लिहाजा धार्मिक परंपराओं के लिए जाना जरूरी है। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार, तमिलनाडु सरकार के मंत्री वेलुमणि, संबंधित अधिकारियों और जीए पृथ्वी के प्रति आभार व्यक्त किया है।
पृथ्वी ने राजपुरोहित परिवार के लिए यात्रा पास जारी करने पर मंत्री वेलुमणि और नगर निगम को धन्यवाद कहा है। वहीं, राजपुरोहित परिवार की ऐसे मुश्किल समय में मदद के लिए सोशल मीडिया पर उनकी पहल को सराहा जा रहा है। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान विभिन्न परिवारों तक सहायता पहुंचाने में पृथ्वी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का निरंतर सहयोग प्राप्त हो रहा है। मंत्री ने कहा है कि क्षेत्र में फंसे हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचाने का प्रयास किया जाए।
पृथ्वी ने बताया, इसमें सोशल मीडिया बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। इससे करीब 3,500 लोगों तक मदद पहुंचाई जा चुकी है। पृथ्वी ने कहा कि सोशल मीडिया और ईमेल के जरिए संबंधित अधिकारियों और राज्य सरकारों तक लोगों की आवाज पहुंचाते हैं। इसमें एनजीओ की मदद भी लेते हैं जिससे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, प. बंगाल, मध्य प्रदेश, असम, त्रिपुरा और विभिन्न राज्यों के अनेक लोगों तक राहत पहुंची है।