चेन्नई/दक्षिण भारत। इस समय जहां पूरा देश कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए विभिन्न सावधानियां अपना रहा है और संक्रमण को रोकने के लिए सरकार लोगों से अपील कर रही है कि भीड़ इकट्ठी न करें, स्वच्छता पर जोर दें; वहीं चेन्नई में बड़ी तादाद में लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसके बाद प्रदर्शनकारियों द्वारा अपनाए गए इस तरीके पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो प्रसारित होने के बाद यूजर्स ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार अपनी जगह, लेकिन इस समय हमें दूसरों की सेहत के बारे में भी सोचना चाहिए। अगर इस तरह भीड़ में कोई शख्स कोरोना से संक्रमित हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह विरोध प्रदर्शन तौहीद जमात नामक संगठन ने आयोजित किया। इसके तहत लोगों ने मद्रास उच्च न्यायालय के पास मार्च निकाला। हजारों प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने केंद्र सरकार से मांग की कि सीएए को वापस लिया जाए। उन्होंने एनआरसी और एनपीआर का भी विरोध किया।
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इस वीडियो पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा कि इस समय ऐसे प्रदर्शन कोरोना से बचने के लिए बरती गई एहतियात को चौपट कर दूसरों की ज़िंदगी को खतरे में डाल सकते हैं। इसी प्रकार, एक अन्य यूजर ने लिखा कि बेहतर होता कि विरोध प्रदर्शन के लिए कोई दूसरा समय चुनते, इस समय हर नागरिक के स्वास्थ्य की रक्षा करना बड़ी चुनौती है।