चेन्नई/दक्षिण भारत। द्रमुक अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता ए जोसेफ स्टालिन को राज्य-स्तरीय पद की पेशकश दिए जाने के बाद पार्टी नेतृत्व के प्रति नाराजगी जाहिर की गई है।
द्रमुक महासचिव दुरीमुरुगन ने कहा कि जोसेफ स्टालिन को पार्टी की तरफ से अल्पसंख्यक कल्याण अधिकार प्रकोष्ठ का संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है जो एक हफ्ते पहले ही आरएमएम से द्रमुक में शामिल हुए हैं।
द्रमुक अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि किसी भी राज्य को किसी भी प्रकोष्ठ में राज्य स्तरीय पद प्राप्त करने के लिए जिला सचिव की मंजूरी लेनी होगी। आमतौर पर, जिला सचिव अपनी सहमति किसी को भी आसानी से नहीं देते हैं क्योंकि वे वरिष्ठता और कर्मठता जैसे विभिन्न मानदंडों पर गौर करेंगे।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि पिछले दो दशकों से पार्टी की सेवा कर रहा हूं, लेकिन अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में ऐसी जिला-स्तरीय नियुक्ति कभी नहीं देखी। यह निश्चित रूप से हमारे पार्टी कैडर को चोट पहुंचाएगा।
उत्तरी जिलों के एक पार्टी सचिव ने कहा कि हालांकि इससे पहले थांगा तमिल सेल्वन, वी सेंथिल बालाजी, भरनी कार्तिकेयन और बीटी अरसकुमार को विभिन्न प्रतिष्ठित पद दिए गए थे लेकिन कम से कम हम यह तो स्वीकार कर सकते हैं कि उन्होंने पार्टी के लिए काम किया है।
उन्होंने कहा कि आरएमएम एक राजनीतिक पार्टी नहीं है। यह केवल एक फैन क्लब है और एक फैन क्लब के पूर्व जिला सचिव को राज्य-स्तरीय पद देना बहुत अधिक है। ऐसा करके पार्टी वरिष्ठ लोगों की प्रतिष्ठा को कम कर रही है।