मदुरई/दक्षिण भारत। पुलिस के एक पूर्व निरीक्षक ने गुरुवार को अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद कथित रूप से आत्महत्या कर ली। यह निरीक्षक सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) से जुड़ा रहा है।
जानकारी के अनुसार, पेरुमल पांडियन पर भ्रष्टाचार के आरोप थे और उसे सोमवार को ही विशेष अदालत ने एक मामले में दोषी ठहराया था। उसे तीन साल की सजा हुई थी। वह जमानत पर बाहर था। उसने पत्नी उमा मीनाक्षी को हथौड़े से मौत के घाट उतार दिया।
इसके बाद पांडियन ने सेलुर के कीलावैतियानाथपुरम की नेहरू स्ट्रीट स्थित अपने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पांडियन के दो बेटे हैं। उसकी पत्नी कॉर्पोरेशन के स्कूल में शिक्षिका थीं।
घटना की जानकारी तब हुई जब उनका बड़ा बेटा सुंदर कंप्यूटर कोर्स के बाद दोपहर को घर आया। दंपती का छोटा बेटा प्रणव घर पर नहीं था। ऐसे में जब सुंदर ने दरवाजा खटखटाया तो किसी ने जवाब नहीं दिया।
इससे उसे किसी अनहोनी की आशंका हुई और पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाकर दरवाजा तोड़ा। जब सभी अंदर गए तो दंपति की लाशें देखकर हड़कंप मच गया।
मामले की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पहुंची और जांच में जुट गई। फोरेसिंक टीम को भी मौके पर बुलाया गया और उसने सबूत इकट्ठे किए।
बताया गया कि उमा की हत्या से पहले दंपति में झगड़ा हुआ होगा। पांडियन का ताल्लुक थेनी जिले के विदुगपट्टी से था, लेकिन बाद में वह परिवार सहित मदुरई रहने लगा था। उसे साल 2010 में एक डॉक्टर के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति मामले की जांच सौंपी गई थी।
पांडियन पर आरोप था कि उसने केस को डॉक्टर के पक्ष में करने के लिए 1.2 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। इस पर डॉक्टर ने उसकी शिकायत कर दी और डीवीएसी की टीम ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। यह मामला अदालत में गया तो उसे भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया।