चेन्नई/दक्षिण भारत। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एल मुरुगन ने सोमवार को आरोप लगाया कि तिरुचेंगोडे से केएमडीके विधायक ईआर ईश्वरन ने हाल में राज्य विधानसभा में बोलते हुए देशभक्ति नारे ‘जय हिंद’ का अपमान किया था। उन्होंने कहा कि द्रमुक के चुनाव चिह्न पर चुने गए ईश्वरन की ओर से मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में उनकी पार्टी के विधायक विधानसभा में ‘जय हिंद’, ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे देशभक्ति के नारे लगाएंगे।
एक बयान में मुरुगन ने विधानसभा में कहा, ईश्वरन ने बताया कि पिछले साल के विपरीत, राज्यपाल ने ‘जय हिंद’ के साथ अपना भाषण समाप्त नहीं किया और इसकी सराहना की। इससे सोशल मीडिया पर बवाल मच गया और भाजपा नेताओं ने द्रमुक सरकार को आड़े हाथों लिया।
मुरुगन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ईश्वरन की टिप्पणी की निंदा नहीं की। उन्होंने कहा कि ‘जय हिंद’ का नारा सभी सैनिकों के मन में गूंजता है और इसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ईश्वरन ने क्या कहा था?
बता दें कि 23 जून को, राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए, ईश्वरन ने कहा था, ‘राज्यपाल के अभिभाषण को पढ़ने के बाद, मैं समझ गया कि तमिलनाडु ने सम्मान से अपना सिर उठाया है। पिछले साल, राज्यपाल ने ‘जय हिंद’ के साथ अपना भाषण समाप्त किया था। इस साल ‘जय हिंद’ नहीं था। मैं इसे यहां रिकॉर्ड कराना चाहता हूं।’
हो रही आलोचना
चौतरफा आलोचनाओं से घिरने के बाद ईश्वरन ने देशभक्ति नारे के ‘अपमान’ के आरोप से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि मैंने राज्यपाल के पिछले दो वर्षों के भाषणों की तुलना की है। हालांकि पिछली अन्नाद्रमुक शासन का दो भाषा नीति में विश्वास था। राज्यपाल का तत्कालीन अभिभाषण ‘जय हिंद’ के साथ समाप्त हुआ था, जो हिंदी वाक्यांश है।
उन्होंने कहा, ‘जय हिंद’ का तमिल अनुवाद ‘भारतम् वाजगा’ के रूप में किया जा सकता है और इसे अंत में जोड़ा जा सकता था। इसके अलावा, अतीत में, राज्यपाल का अभिभाषण ‘जय हिंद’ के साथ समाप्त नहीं होता था। अन्नाद्रमुक के भाजपा के प्रभाव में आने के बाद ही राज्यपाल के अभिभाषण में ‘जय हिंद’ जोड़ा गया।
उल्लेखनीय है कि विधायक ईश्वरन का यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा में है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।