चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (टीएनएसईआईएए) ने सोमवार को ओएनजीसी के कुड्डालोर में पांच तेल कुओं की खुदाई और खोज के आवेदन को खारिज कर दिया। ओएनजीसी द्वारा 15 स्थानों के लिए आवेदन किया गया था जिनमें पांच कुड्डालोर में और बाकी अरियालुर में हैं।
टीएनएसईआईएए ने कुड्डालोर में कुओं की खोज के लिए आवेदन को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। उसने अपने पत्र में कहा कि ओएनजीसी के आवेदन में संबंधित दस्तावेज नहीं थे, लिहाजा मंजूरी नहीं दी जा सकती।
पत्र के अनुसार, उसने मछलियों की आवाजाही, वनस्पतियों, जीवों और प्रवासी पक्षियों की आवाजाही पर विचार करते हुए सतही जल निकायों और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के प्रभावों पर अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। साथ ही वन भूमि उपयोग के लिए सक्षम अधिकारियों से मंजूरी और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भूमि उपयोग रूपांतरण आदेशों का विवरण भी प्रस्तुत नहीं किया था।
और क्या है पत्र में?
पत्र में यह भी कहा गया कि ओएनजीसी ने अधिग्रहण की हुई भूमि का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है जिसमें निजी भूमि और भवनों का ब्योरा, किसानों से कृषि भूमि, वन भूमि, सरकारी भूमि और इसके पंजीकृत दस्तावेज और सरकारी आदेश शामिल हैं जो भूमि अधिग्रहण के लिए अनुमति देते हैं।
ओएनजीसी ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण या सीजीडब्ल्यूए से अलग-अलग गहराई पर एक्वीफर विवरण और प्रत्येक कोर होल के आसपास भूजल प्रोफाइल के संबंध में डेटा प्रस्तुत नहीं किया था।
इन दस्तावेजों की भी कमी
अन्य दस्तावेज जो प्रस्तुत नहीं किए गए हैं, उनमें किसानों के लिए कृषि भूमि के पुनर्वास/मुआवजे की समय-सीमा पर विवरण शामिल हैं। साथ ही कुएं, घरेलू पशुओं के लिए चरागाह, आवास, हरित पट्टी की बहाली और सामाजिक आर्थिक पहलू आदि शामिल हैं।
हो चुका है विरोध
राज्य में तेल कुओं की खुदाई एक विवादास्पद विषय रहा है। कावेरी बेसिन में किसी भी प्रकार की हाइड्रोकार्बन खोज का पर्यावरणविद, किसान और विभिन्न संगठन विरोध करते रहे हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर यह मांग कर चुके हैं कि कावेरी बेसिन में हाइड्रोकार्बन की खोज के लिए कंपनियों से बोलियां आमंत्रित नहीं की जाएं।