एनजीटी ने तमिलनाडु को वहन क्षमता का अध्ययन करने का निर्देश दिया

एनजीटी ने तमिलनाडु को वहन क्षमता का अध्ययन करने का निर्देश दिया

प्रतीकात्मक चित्र। स्रोत: PixaBay

विरुधुनगर पटाखा फैक्ट्री धमाका मामला

नई दिल्ली/चेन्नई/दक्षिण भारत। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने तमिलनाडु सरकार को राज्य के विरुधुनगर जिले के एक क्षेत्र की वहन क्षमता का आकलन करने का निर्देश दिया है। यहां 12 फरवरी को एक पटाखा फैक्ट्री में धमाका हुआ था। अचनकुलम गांव स्थित फैक्ट्री में पटाखों के रसायन मिलाए जाने के दौरान हादसे में 19 श्रमिकों की मौत हो गई थी।

बता दें कि ‘वहन क्षमता’ की अवधारणा इस पर आधारित है कि किसी क्षेत्र से पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के जोखिम बिना संसाधनों का कितना उपयोग किया जा सकता है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने औद्योगिक सुरक्षा निदेशक को तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समन्वय से तीन महीने में अध्ययन करने का आदेश दिया है।

पीठ ने क्या कहा?
पीठ ने कहा, आकस्मिक, व्यावसायिक और पर्यावरणीय खतरों की संभावना के संबंध में ऐसी गतिविधियों की सीमा को बनाए रखने के लिए क्षेत्र की वहन क्षमता के अध्ययन की आवश्यकता है। अध्ययन में अनुमत इकाइयों की संख्या, संचालन का आकार शामिल हो सकता है।

पुनरावृत्ति से बचने पर जोर
पीठ ने कहा, आवश्यक विचार-विमर्श के बाद, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए उचित उपचारात्मक उपायों की पहचान की जाती है। इसे जिला मजिस्ट्रेट या किसी अन्य उपयुक्त प्राधिकारी के माध्यम से लागू किया जा सकता है जो मुख्य सचिव द्वारा देखे जा सकते हैं।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहमति में उपयुक्त शर्तों को शामिल कर सकता है, जिसमें प्रतिबंधित रसायनों के उपयोग पर रोक लगाना और 1989 और 1996 के नियमों का अनुपालन शामिल है। अन्य के आग या अन्य दुर्घटनाओं से प्रभावित होने की संभावना है।

स्थानीय भाषा में हो प्रकाशन
इसमें कहा गया है कि इस तरह का तंत्र मानकों के अनुपालन की निगरानी और निर्धारित मानक संचालन प्रक्रियाओं और विनियमों का पालन नहीं करने वाली इकाइयों की गतिविधियों को रोकने की सुविधा प्रदान कर सकता है। एनजीटी ने कहा, इस आदेश का सार और नियामक उपायों को स्थानीय क्षेत्र में स्थानीय निवासियों की जानकारी के लिए स्थानीय भाषा में प्रकाशित किया जा सकता है।

एक महीने में करें बैठक
राज्य में इस तरह की घटनाओं की उच्चतम स्तर पर समीक्षा करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए एनजीटी ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव को एक महीने में सभी हितधारकों के साथ बैठक करने को कहा।

ये भी निर्देश
पैनल ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव को चार महीने के बाद ई-मेल द्वारा निर्देशों के अनुपालन की स्थिति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसने पहले विश्वसनीय तथ्यों को सुरक्षित करने के लिए उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में पैनल का गठन किया था और विरुधुनगर जिले में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

About The Author: Dakshin Bharat