चेन्नई/दक्षिण भारत। भ्रष्टाचार विरोधी एनजीओ अरप्पोर अयक्कम के आरोप के बाद तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति निगम (टीएनसीएससी) ने 566 करोड़ रुपए की निविदा रद्द कर दी। अरप्पोर अयक्कम के आरोप के अनुसार, निविदा के लिए बोली मानदंड एक खास कंपनी के पक्ष में था।
उल्लेखनीय है कि विभिन्न उद्देश्यों के लिए सरकार को दाल की आपूर्ति के लिए निविदा मंगाई गई थी। इस पर एनजीओ ने दावा किया कि खुले बाजार में दाल की कीमत इसमें अनुबंधित मूल्य से कम है। मामले पर विवाद छिड़ा तो निविदा को रद्द करने का फैसला किया गया।
ऐसे समझें दाल के ‘जायके’ का गणित
विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, एक कंपनी को ठेका दिया गया था जो राज्य सरकार को 143.50 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर तूर दाल की आपूर्ति करने के लिए सहमत हो गई थी। हालांकि, अरप्पोर अयक्कम ने मुख्यमंत्री सहित राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों को लिखे पत्र में खुदरा दुकान का बिल पेश करते हुए दावा किया कि एक किलोग्राम तूर दाल की कीमत 100 रुपए है।
एनजीओ ने कहा कि राज्य द्वारा संचालित अमुधम स्टोर्स पर भी, एक किलोग्राम तूर दाल की कीमत 106 रुपए है। इस प्रकार दाल की 143.50 रुपए प्रति किलो की कीमत से राज्य को लगभग 2,000 टन खरीदारी पर अतिरिक्त करोड़ों रुपए खर्च करने होंगे।
जारी की नई निविदा
इसके बाद राज्य सरकार ने दिया गया ठेका रद्द करने का आदेश दिया। वहीं, गुरुवार को उसके लिए एक नई निविदा जारी की गई। इसी तरह, राज्य सरकार ने दो अन्य निविदाओं की शर्तों को भी संशोधित किया, जो 80 लाख ताड़ के तेल के पैकेट और 2.11 करोड़ कोविड-19 किराना किट की आपूर्ति के लिए मंगाई गई थीं।
यह भी की मांग
एनजीओ ने इन दो निविदाओं में विभिन्न पार्टियों से अधिक भागीदारी को लेकर संशोधन की मांग की ताकि सरकार को सबसे अच्छा सौदा मिल सके। एनजीओ ने सुझाव दिया था कि इन दोनों निविदाओं के लिए न्यूनतम आपूर्ति मात्रा प्रति बोलीदाता 20 प्रतिशत आंकी जाए और उनके बारे में सरकारी निकायों को आपूर्ति करने का पिछला अनुभव होने की शर्त को खत्म कर दिया जाए।