चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने थूथुकुडी पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों के परिजन और गंभीर रूप से घायलों को शुक्रवार को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे। ये नियुक्ति पत्र उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर सौंपे गए हैं।
मामला मई 2018 का है, जब स्टरलाइट कॉपर के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के साथ यह घटना हुई थी। बताया गया कि इनमें से 16 लोगों को कनिष्ठ सहायक के तौर पर नियुक्ति दी गई है, जबकि एक व्यक्ति जीप चालक के पद पर लगाया गया है। ये थूथुकुडी जिले में राजस्व और ग्रामीण विकास मंत्रालयों में नौकरी करेंगे।
इस अवसर पर स्टालिन के कैबिनेट सहयोगी पी त्याग राजन, मूर्ति और पेरियाकरुप्पन, संसद सदस्य कनिमोझी और एस वेंकटेशन भी मौजूद थे।
कैसे भड़की थी हिंसा?
बता दें कि 22 मई, 2018 को थूथुकुडी में स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन के 100वें दिन हुई हिंसा में 13 लोग मारे गए थे। नतीजे के तौर पर तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) के मानदंडों के उल्लंघन के कारण शहर में स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर फैक्ट्री को बंद कर दिया गया।
तमिलनाडु सरकार ने हिंसा की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में एक सदस्यीय आयोग का भी गठन किया। उनकी अंतरिम रिपोर्ट हाल में मुख्यमंत्री स्टालिन को सौंपी गई थी।
फिर मिली अनुमति
वर्तमान कोरोना महामारी के मद्देनजर उस फैक्ट्री को भी हाल में तमिलनाडु और अन्य राज्यों को आपूर्ति करने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन के निर्माण के उद्देश्य से आंशिक रूप से काम करने की अनुमति दी गई थी।
स्वास्थ्य बीमा कर्मचारी कल्याण संघ ने मुख्यमंत्री को अर्जी देकर उनकी तैनाती को स्थायी करने की मांग की थी। संगठन ने अपनी अर्जी में कहा कि वे पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 11 साल से काम कर रहे थे।