शहरी आवास के लिए रियल एस्टेट विनियमन महत्वपूर्ण : वेंकैया

शहरी आवास के लिए रियल एस्टेट विनियमन महत्वपूर्ण : वेंकैया

Union Minister Venkaiah Naidu with Ministers Roshan Baig, KJ George, M Krishnappa and Eshwar Khandre at a review meeting of various project at Hotel Capitol in Bengaluru on Tuesday. -KPN ### review meeting by Venkaiah Naidu

बेंगलूरू। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को देश सभी राज्यों से आवश्यक कानूनों का त्वरित रूप से मसौदा तैयार कर केंद्र सरकार द्वारा १ मई से लागू किए गए रियल एस्टेट विनियमन अधिनियम (रेरा) को मंजूरी देने के लिए अधिसूचना जारी करने की अपील की। उन्होंने कहा कि रेरा काूनन शहरी जरूरतमंदों के लिए आवास उपलब्ध कराने में आकस्मिक पूर्ण परिवर्तन ला सकता है। कर्नाटक के अधिकारियों के साथ अपने मंत्रालय के तहत आने वाली विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन पर आयोजित बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में नायडू ने कहा कि फिलहाल मात्र १४ राज्यों ने इस अधिनियम के तहत नियमों का मसौदा तैयार किया है क्योंकि रियल एस्टेट क्षेत्र राज्य के दायरे में आता है। मैं अन्य राज्यों से अनुरोध करता हूं कि वे आवश्यक नियमों का प्रारूप तैयार करें और रेरा की अधिसूचना जारी कर दें। उन्होंने कहा कि कर्नाटक उन राज्यों में एक है जिन्होंने ऐसा नहीं किया है लेकिन राज्य सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे नियमों का मसौदा तैयार कर अधिसूचना जारी करेंगे और साथ ही राज्य में केंद्रीय कानून की भावना को लागू करने के लिए ट्रिब्यूनल को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंेने कहा कि यह एक बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है क्योंकि घर का मालिक होना हर नागरिक का सपना होता है और यह कानून इसे पूरा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों और निजी बिल्डरों को इस क्षेत्र को विनियमित करने के लिए बहुआयामी कदम है। निजी रियल एस्टेट ऑपरेटरों ने बहुत अच्छा काम किया है लेकिन कुछ लोगों के लिए यह समस्याओं का कारण बन सकता है। उन्होंने कहा कि अधिनियम केवल एक नियम है और कोई रुकावट नहीं है। नायडू ने कहा कि हर क्षेत्र में विनियमन की आवश्यकता है। यह अधिनियम अचल संपत्ति क्षेत्र में गैर जिम्मेदार ऑपरेटरों का ध्यान रखेगा और उपभोक्ताओं की देखभाल भी करेगा। यदि कानून लागू हुआ तो खरीददार राजा होगा। मैं बिल्डरों को अतिरिक्त कुछ नहीं बताना चाहता हूं, लेकिन यदि कोई इसकी अवहेलना करेगा तो उसको दंड भुगतना प़डेगा और किसी ने धोखा दिया तो उन्हें कार्रवाई का सामना करना होगा। मैं सभी राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि वे केंद्रीय कानून की भावना को कमजोर ना करें।

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