धारवा़ड। कर्नाटक एक ऐसी भूमि है जहां सामाजिक न्याय का बीजारोपण बीसवीं शताब्दी में महान समाज सुधारक बसवन्ना ने किया था और यही कारण है कि राज्य में सांप्रदायिक ताकतें अपने मकसद में सफल नहीं हुई हैं। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने गुरुवार को धारवा़ड में १२८वां स्थापना दिवस मना रहे कर्नाटक विद्यावर्धक संघ के नवीनीकृत भवन का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने पाटिल पुटप्पा की प्रतिमा का अनावरण किया, पाटिल इस संघ के करीब पचास वर्षों तक अध्यक्ष रहे। सिद्दरामैया ने कहा कि जिन्हें इतिहास की जानकारी और समझ नहीं होती है वे भविष्य का निर्माण करने में सक्षम नहीं होते हैं। सिद्दरामैया ने कहा कि मैं यहां कोई राजनीतिक भाषण नहीं दूंगा क्योंकि यह कन्ऩड भाषा और कन्नि़डगाओं से संबंधित एक सांस्कृतिक मंच है। कर्नाटक के एकीकरण में कर्नाटक विद्यावर्धक संघ की भूमिका को याद करते हुए और विशेषकर पुटप्पा की भूमिका पर सिद्दरामैया ने कहा कि संघ और पुटप्पा ने हमेशा ही कन्ऩड और कन्नि़डगाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। विरोध की भाषा हमेशा मजबूत रही। यहां तक कि जब कन्ऩड और कन्नि़डगा के हक की बातें हुईं तब ९८ वर्ष की आयु में भी पुत्तप्पा ने मजबूती से आवाज उठाई। हालांकि जब पुटप्पा जैसे लोग इस रूप में बोलते हैं तब इसे अहंकार की भाषा के रूप में लिया जाता है। सिद्दरामैया ने कहा कि कन्ऩड भाषा और संस्कृति को बढावा देने के लिए कार्य करने वाले संगठनों और संस्थानों को राज्य सरकार हमेशा सहयोग करेगी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री बसवराज होर्राटी, जिला प्रभारी मंत्री विनय कुलकर्णी और श्री सिद्देश्वरा स्वामी ने भी पुटप्पा का स्मरण किया।
कर्नाटक में हुआ सामाजिक न्याय का बीजारोपण : सिद्दरामैया
कर्नाटक में हुआ सामाजिक न्याय का बीजारोपण : सिद्दरामैया