बेंगलूरु। कांग्रेस एमएलसी के. गोविंदराज के घर के पिछले वर्ष आयकर विभाग द्वारा कथित अवैध लेनदेन से संबंधित जब्त डायरी का मामला अब नए सिरे से आयकर विभाग, कर्नाटक पुलिस और हाई कोर्ट के बीच जा फंसा है। दरअसल जब्त डायरी को लेकर बेंगलूरु पुलिस ने आयकर विभाग को नोटिस जारी कर कहा था कि डायरी पुलिस को सौंपी जाए। हालांकि आयकर विभाग ने पुलिस की ओर से जारी नोटिस पर सवाल उठाते हुए अब कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल एमएलसी गोविंदराज ने सिटी पुलिस को एक शिकायत की थी जिसमंे आरोप लगाया गया था कि कुछ लोगों ने सोची समझी रणनीति के तहत ‘डायरी को प्लांट’’ किया और कथित रूप से उसमें दर्ज लेनदेन की रिपोर्ट को लीक किया। गोविंदराज ने दावा किया है कि १५ मार्च २०१६ को आयकर विभाग ने जब उनके घर पर छापेमारी की थी तब जांच के दौरान आयकर अधिकारियों को उनके घर से कोई डायरी मिली थी जिसे उन्होंने जब्त किया। इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने आयकर विभाग को नोटिस जारी किया। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अरविंद कुमार ने गोविंदराज की शिकायत के आधार पर आगे की प्रक्रिया पर स्टे लगाने को आदेश दिया और पुलिस तथा गोविंदराज को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता आयकर महानिदेशक (अनुसंधान) आयकर प्रधान निदेशक (अनुसंधान) और आयकर प्रधान मुख्य आयुक्त (केन्द्रीय) की याचिका पर सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश पारित किया। €द्भय् ब्स् ठ्ठणय्द्भद्यर् ्यप्प्य्ख्रपिछले वर्ष विपक्षी दल भाजपा के आरोपों और मीडिया की ओर से जारी खबरों में कहा गया था कि गोविंदराज के घर से आयकर विभाग द्वारा जब्त डायरी में स्पष्ट रूप से लिखा है कि कर्नाटक की सत्तासीन कांग्रेस सरकार ने दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान को अवैध रूप से करो़डों रुपए भेजे। हालांकि गोविंदराज और कांग्रेस ने इन आरोपों को निराधार बताया। बाद में गोविंराज ने इस वर्ष २८ फरवरी २०१७ को पुलिस में एक शिकायत दर्ज की। हालांकि आयकर विभाग ने कोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि छापेमारी के दौरान गोविंदराज के बेडरूम से डायरी जब्त की गई और उस समय उनकी पत्नी भी वहां मौजूद थी। साथ ही आई-टी अधिनियम १९६१ के तहत जब्त डायरी को हासिल करने का अधिकार न तो पुलिस को है और ना ही गोविंदराज को। आयकर विभाग ने पुलिस द्वारा जारी नोटिस को राजनीतिक दबाव में उठाया गया कदम बताया है।