‘सांप्रदायिक गुंडों’ के खिलाफ सख्ती से निपटा जाए

‘सांप्रदायिक गुंडों’ के खिलाफ सख्ती से निपटा जाए

बेंगलूरू। दक्षिण कन्ऩड जिले में सांप्रदायिक अशांति से निपटने के लिए पुलिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने पुलिस अधिकारियों से ’’सांप्रदायिक गुंडों’’ के खिलाफ सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है। हाल ही में एक आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के बाद दक्षिण कन्ऩड जिले में व्याप्त अशांति पर शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस स्थिति को सही ढंग से नहीं संभाला है जिससे वहां अशांति जारी है। भाजपा नेताओं ने सरकार पर इस स्थिति को सही तरीके से नहीं निपटने का आरोप लगाया है तथा कहा है कि तटीय प्रदेश केरल की तर्ज पर यहां आरएसएस कार्यकर्ता पर हमला किया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अधिकारियों से ऐसे मामलों में गुंडा एक्ट अथवा कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम का इस्तेमाल करने को कहा है और जरुरत प़डने पर अपराधियों को जिलाबदर करने को कहा है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक आर के दत्ता और अन्य शीर्ष अधिकारियों को तुरंत दक्षिण कन्ऩड जिले में स्थिति सामान्य करने के लिए अलग-अलग जगहों पर शांति बैठक आयोजित करने के लिए कहा है।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इस तरह की अशांति के पीछे के समाजविरोधी तत्वों की पहचान की जाए चाहे वह बजरंग दल के हों, आरएसएस या एसडीपीआई जैसे संगठनों के हों, उनकी ऐसी घटनाओं में भागीदारी की एक रिपोर्ट उनको दी जाए। मुख्यमंत्री ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की कि प्रतिबंध के आदेश के बाद भी विरोध प्रदर्शन और अन्य आंदोलन रुक नहीं रहे हैं। कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, हमने प्रत्येक जिले के लिए सुरक्षा और कानून-व्यवस्था जिम्मा एडीजीपी स्तर के अधिकारियों को सौंपा है। राज्य में आगामी साल होने वाले चुनावों के चलते कुछ संगठन राजनीतिक लाभ लेने के लिए लोगों के बीच सांप्रदायिक उन्माद भ़डकाने का प्रयास कर रहे हैं। आईजीपी आर के दत्ता, गृह विभाग के प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र, सीएम कार्यालय के महासचिव एल के अतीक और गृह विभाग के सलाहकार कैम्पैया ने भी बैठक में भाग लिया।

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