बेंगलूरु। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य सरकार पांच लाख युवाओं को विशेष कौशल प्रशिक्षण देगी। उन्होंने राज्य विधानसभा को इस बात की जानकारी दी। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक कांग्रेस के सदस्य डॉ सुधाकर द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने कौशल विकास में विभिन्न कार्यक्रमों को शामिल करने का कार्य किया है और इसे बाजार की जरुरतों के हिसाब से ढालने के लिए एक अलग विभाग भी बनाया गया है ताकि युवाओं को सशक्त बनाया जा सके और उन्हें रोजगार दिया जा सके।उन्होंने कहा कि विभाग ने पिछले वर्ष इसकी स्थापना के बाद से अब तक १.६ लाख युवा पुरुषों और महिलाओं को तीन से छह महीने का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया है जिससे उन्हें विभिन्न उद्योगों के लिए तैयार किया जा सके। जिन लोगों ने आईटीआई या इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लिया है या अन्य प्रकार की डिग्री प्राप्त की है वह इस कौशल प्रशिक्षण के लिए योग्य हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टर ने कहा कि उच्च अधिकारियों की लापरवाही के कारण नए विभागों को शुरु करने में देरी हुई। उन्होंने कहा कि वर्ष २०१६-१७ के बजट में इस विभाग को शुुरु करने की घोषणा की गई थी लेकिन इसे इस वर्ष मई में शुरु किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग प्रभावी ढंग से कार्य करना चाहिए और अधिकारियों को इस प्रकार की देरी नहीं करने के लिए चेताया जाना चाहिए।कांग्रेस विधायक डॉ सुधाकर ने कौशल विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा अलग से विभाग बनाने के लिए राज्य सरकार की सराहना की और कहा कि कर्नाटक इस प्रकार का विभाग बनाने वाला पहला राज्य बन गया है।उन्होंने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’’ विचार के प्रति सच्चा जुनून है। जनता दल (एस) के विधायक केएम शिवलिंगे गौ़डा ने कहा कि युवाओं को कौशल देने के साथ ही सरकार को गरीब युवाओं को अपना व्यवसाय शुरु करने के लिए भी मदद करनी चाहिए। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वाले युवाओं को ५० प्रतिशत सब्सिडी देने और अन्य पिछ़डी जाति से आने वाले युवाओं को २५ प्रतिशत सब्सिडी देने की योजना पहले ही शुरु कर दी है।
इस वर्ष पांच लाख युवाओं को मिलेगा विशेष कौशल का प्रशिक्षण : सिद्दरामैया
इस वर्ष पांच लाख युवाओं को मिलेगा विशेष कौशल का प्रशिक्षण : सिद्दरामैया