कर्नाटक: दक्षिण तक पहुंची कांग्रेस-बसपा की रार? सरकार को बसपा विधायक ने दिया झटका

कर्नाटक: दक्षिण तक पहुंची कांग्रेस-बसपा की रार? सरकार को बसपा विधायक ने दिया झटका

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बेंगलूरु। क्या कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच रार अब दक्षिण तक पहुंच गई है? कर्नाटक में जनता दल (एस) और कांग्रेस के गठबंधन से बनी सरकार से बसपा विधायक एन महेश अलग हो गए हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। वे विधानसभा में बसपा के एकमात्र विधायक हैं। उनके अचानक इस्तीफा देने के बाद इस चर्चा को बल मिल रहा है कि कांग्रेस और बसपा के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

इस पूरे मामले पर एन महेश ने कहा कि उनके खिलाफ विधानसभा क्षेत्र में अभियान चलाया जा रहा था कि वे बेंगलूरु में ही टिके हैं और अपनी विधानसभा सीट कोल्लेगल पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने लोकसभा चुनावों के लिए कहा कि पार्टी का आधार मजबूत करने की आवश्यकता है।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनका समर्थन गठबंधन सरकार के साथ है। उन्होंने बताया कि वे लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव में जनता दल (एस) का प्रचार करेंगे। उन्होंने गठबंधन से इस्तीफे के पीछे निजी कारण बताए हैं।

पिछले दिनों बसपा प्रमुख मायावती ने छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की पार्टी से गठबंधन कर कांग्रेस को जोरदार झटका दिया था। यही नहीं, उन्होंने राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस से गठबंधन से इनकार कर दिया। मायावती के बयान के बाद विपक्ष द्वारा महागठबंधन के निर्माण पर भी अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर कई शब्दबाण चलाए। मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी सम्मानजनक सीटें न मिलने की स्थिति में कांग्रेस के सामने नहीं झुकेगी, बल्कि अपने बूते चुनाव लड़ेगी।

अब कर्नाटक में एन महेश के इस्तीफे को भी इसी सन्दर्भ में देख जा रहा है। चूंकि अब तक गठबंधन सरकार के पास आवश्यक बहुमत (113 सीटें) से बहुत ज्यादा सीटें नहीं हैं। गठबंधन 117 सीटों के साथ सरकार चला रहा है। विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 104 सीटें हासिल की थीं। इस तरह वह बहुमत के आंकड़े से कुछ ही दूर रही। एन महेश कोल्लेगल विधानसभा क्षेत्र से जीते थे। हालांकि उनके इस्तीफे के बाद सरकार की स्थिरता पर तो कोई फर्क नहीं पड़ा है लेकिन इससे यह जाहिर हो गया है कि कांग्रेस और बसपा की रार में अभी सुलह के संकेत दिखाई नहीं दे रहे।

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