बेलगावी/दक्षिण भारत। कर्नाटक-महाराष्ट्र-गोवा के सीमावर्ती जिले बेलागवी में 23 अप्रैल को दूसरे चरण के तहत लोकसभा चुनाव प्रस्तावित है। यहां कांग्रेस और भाजपा की बेहद करीबी टक्कर होने की संभावना जताई जा रही है। बेलगावी सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुरेश आंगड़ी पिछले तीन कार्यकाल से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं।
उन्हें इस बार कांग्रेस के विरुपाक्षी एस सादुनवर से कड़ी टक्कर मिल रही है। वहीं जिले में चिक्कोड़ी सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी प्रकाश हुक्केरी का प्रभाव साफ नजर आ रहा है। बेलगावी जिले को कुंडनगरी कहा जाता है क्योंकि यहां विभिन्न भाषाएं बोलने वाले लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। खास तौर पर यहां कन्नड़ और मराठी भाषियों की अधिकता है।
बेलगावी संसदीय सीट में आठ विधानसभा क्षेत्र आरबावी, गोकाक, बेलगावी उत्तर, बेलगावी दक्षिण, बेलगावी ग्रामीण, बैल्होंगल, सवदत्ती यल्लम्मा और रामदुर्ग शामिल हैं। यहां कुल 17 लाख 49 हजार 005 मतदाता हैं, जिनमें 5 लाख 79 हजार 619 पुरुष और 8 लाख 69 हजार 386 महिला मतदाता हैं। यहां युवा (18-19 वर्ष) मतदाताओं की संख्या 31,204 है, जबकि 53 अन्य और सैन्य बलो के 6,956 मतदाता हैं।
यहां के मौजूदा सांसद और भाजपा के उम्मीदवार सुरेश आंगड़ी ने पहले ही बेलगावी के लोकसभा चुनावों में जीत की हैट्रिक लगाई है और इस बार के चुनाव में भी वह अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे नजर आ रहे हैं। बहरहाल, स्थानीय मतदाताओं का एक वर्ग उनसे खुश नहीं हैं क्योंकि उनकी उपलब्धियों के बारे में बोलने के लिए बहुत कम है। इसके बावजूद युवा मतदाता नरेंद्र मोदी के के चेहरे को अपा समर्थन दे रहा है और इससे आंगड़ी का पलड़ा विरोधियों की अपेक्षा अधिक मजबूत लग रहा है। मोदी का नाम और उनकी उपलब्धियां ही आंगड़ी को इस बार चुनावी बढ़त दिला सकती हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं का दावा है कि इस बार उनकी जीत की संभावनाएं काफी उज्ज्वल हैं क्योंकि आंग़डी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर देखने को मिल रही है। जिला प्रभारी मंत्री सतीश जरकीहोली कहते हैं कि इस बार निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी जीतेगी। आंगड़ी ने तीन बार अलग-अलग कारकों के चलते किस्मत से जीत हासिल की।
उनका अपना व्यक्तित्व न तो करिश्माई है और न ही उनकी उपलब्धियां आकर्षक हैं। पहली बार उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की लहर, दूसरी बार बीएस येड्डीयुरप्पा के प्रभाव से और वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी की लहर के कारण लगातार तीन जीत हासिल कीं लेकिन मतदाता इस बार उनसे प्रभावित नहीं हैं।