बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीएस येड्डियुरप्पा ने सियासी संकट पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह असंतुष्ट विधायकों के लिए नैतिक जीत है। इन विधायकों के इस्तीफे के कारण सत्तारूढ़-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गई है।
येड्डियुरप्पा ने कहा कि राजनीतिक दल 15 असंतुष्ट विधायकों को व्हिप जारी नहीं कर सकते जिन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के बारे में सभी तथ्यों पर गौर करते हुए अपना फैसला दिया।
येड्डियुरप्पा ने यहां पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी बृहस्पतिवार को जब विधानसभा में विश्वास मत का सामना करेंगे तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा। उन्होंने कहा, जब बहुमत नहीं रहेगा तो वे (मुख्यमंत्री) स्वत: कल इस्तीफा दे देंगे। भाजपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अध्यक्ष को जल्द से जल्द फैसला लेने और अपना आदेश उच्चतम न्यायालय को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
येड्डियुरप्पा ने कहा, मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। यह संविधान और लोकतंत्र की जीत है। यह असंतुष्ट विधायकों की नैतिक जीत है। उन्होंने कहा, यह केवल अंतरिम आदेश है और भविष्य में उच्चतम न्यायालय अध्यक्ष की शक्ति पर फैसला करेगा। यह संसदीय लोकतंत्र में नया दौर शुरू करेगा।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को निर्देश दिए कि कांग्रेस और जद (एस) के 15 असंतुष्ट विधायकों को कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य न किया जाए। कर्नाटक विधानसभा में 18 जुलाई को एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के विश्वास मत पर फैसला होना है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार अपने द्वारा तय की गई अवधि के भीतर असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।