नई दिल्ली/भाषा। दिल्ली की एक अदालत ने धनशोधन के एक मामले में शुक्रवार को कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की ईडी हिरासत अवधि 17 सितंबर तक बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने शिवकुमार की हिरासत अवधि चार दिनों के लिए बढ़ा दी। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवकुमार से और पूछताछ करने के लिए उनकी हिरासत अवधि पांच दिन बढ़ाने का अनुरोध किया था।
अदालत ने ईडी से कहा कि उसे पहले शिवकुमार की चिकित्सा जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए और उसके बाद ही उनसे पूछताछ करनी चाहिए। अदालत ने कहा कि जांच से पहले उनका मेडिकल परीक्षण अवश्य कराना चाहिए। उनके मेडिकल रिकॉर्ड को देखते हुए हम उनके स्वास्थ्य की अनदेखी नहीं कर सकते। इसलिए जांच अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाए और जब भी आवश्यकता हो, उन्हें चेक-अप और उपचार के लिए अस्पताल ले जाया जाए।
अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पूर्ण जांच करने का मौका दिया जाना चाहिए। अदालत ने चार पृष्ठों के अपने आदेश में कहा कि पूछताछ की गति को कम नहीं किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान शिवकुमार ने कहा कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं। ‘उन्होंने (ईडी) ने मुझे समन किया और मैंने इसे नहीं टाला। मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। यदि आप मुझसे पूछताछ करना चाहते हैं तो आप मुझे कभी भी पूछताछ के लिए बुला सकते हैं।’
अदालत ने एजेंसी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि आरोपी के स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए उन्हें निर्धारित दवाएं लेने की अनुमति हो और हर 24 घंटे के बाद या आवश्यकतानुसार जांच की जाए। अदालत ने उनके परिवार के सदस्यों या वकील को सुविधा के अनुसार रोजाना आधे घंटे के लिए उनसे मिलने की अनुमति दी। अदालत ने शिवकुमार को अपने डॉक्टर रंगनाथन से मिलने की भी अनुमति दी।
ईडी ने एक धनशोधन मामले में शिवकुमार को तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था। उनकी नौ दिनों की हिरासत अवधि पूरी हो जाने के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया। ईडी ने अदालत में कहा कि पूछताछ के दौरान शिवकुमार (57) सवालों को टालते रहे हैं और अप्रासंगिक जवाब दिया है। एजेंसी ने कहा कि शिवकुमार की कई संपत्तियां बेनामी हैं। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि शिवकुमार के खिलाफ जांच के अनुसार, शोधित धन 200 करोड़ रुपए से अधिक है और करीब 800 करोड़ रुपए मूल्य की बेनामी संपत्ति है।
ईडी ने कहा कि बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किए गए हैं जिनसे आरोपी शिवकुमार को रूबरू कराने की जरूरत है। इसके अलावा शिवकुमार ऐसी सूचना नहीं दे रहे हैं जिसकी जानकारी सिर्फ उनके पास ही है। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय से पूछा कि शिवकुमार अगले पांच दिन में सवालों के जवाब नहीं देंगे तो उन्हें हिरासत में लेने की क्या जरूरत है?
इस एजेंसी ने कहा कि कुछ अन्य आरोपियों के बयान हैं और शिवकुमार का उनसे सामना कराने की जरूरत है। शिवकुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं एएम सिंघवी और डी कृष्णन ने ईडी की याचिका का विरोध किया और कहा कि कांग्रेस नेता का स्वास्थ्य काफी खराब है और उन्हें अस्पताल में होना चाहिए। वे उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं।