बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने अपनी सरकार के कार्यकाल पूरा करने का भरोसा जताते हुए शुक्रवार को कहा कि जद (एस) से भाजपा के समर्थन लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।
राज्य में पांच दिसंबर को 15 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। उपचुनाव में सभी 15 सीटों पर भाजपा के जीत हासिल करने को लेकर आश्वस्त येडियुरप्पा ने कहा कि बहुमत में बने रहने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी को जरूरी सीटें नहीं मिलने की स्थिति में नई सरकार के गठन के लिए फिर से कांग्रेस और जद (एस) के साथ आने की संभावनाओं से वे परेशान नहीं हैं।
हावेरी में संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र है और उसके पास यह आजादी है।
सत्तारूढ़ भाजपा को 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत में बने रहने के लिए कम से कम छह सीटों पर जीत हासिल करने की जरूरत है। हालांकि विधानसभा में फिर भी दो सीटें- मस्की और आरआर नगर- रिक्त रहेगीं।
जिन सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं, उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जद (एस) काबिज रही थी। कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार अयोग्य करार दिए गए विधायकों की बगावत के चलते गिर गई।
उपचुनाव के बाद सरकार गठन के लिए कांग्रेस और जद (एस) के हाथ मिलाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर येडियुरप्पा ने कहा, हम इस बारे में परेशान नहीं हैं, यह उन पर निर्भर है (वे एकजुट होते हैं या नहीं)।
उन्होंने कहा, हम बहुमत (उपचुनाव के बाद) हासिल करेंगे और शेष 3.5 साल का अपना (सरकार का) कार्यकाल पूरा करेंगे।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री एवं जद (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने उपचुनाव के बारे में एक रहस्यमय टिप्पणी में हाल ही में कहा था कि नौ दिसंबर को उपचुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के फैसले पर काफी कुछ निर्भर करेगा।
उनके इस बयान से पूर्व गठबंधन (कांग्रेस और जद-एस) के फिर से साथ आने की संभावना के बारे में कयास लगाये जाने शुरू हो गए हैं।
यह पूछे जाने पर कि जरूरी संख्या में सीटें नहीं आने पर क्या भाजपा देवेगौड़ा से सहयोग मांगेगी, उन्होंने कहा, कहीं से भी ऐसा कोई सवाल नहीं पैदा होता है। हम किसी का सहयोग नहीं चाहते हैं।