सरकार के पहले सौ दिन अग्नि परीक्षा के समान : येडियुरप्पा

सरकार के पहले सौ दिन अग्नि परीक्षा के समान : येडियुरप्पा

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने सरकार में अपने सौ दिन के कार्यकाल को अग्नि परीक्षा के समान बताते हुए कहा है कि भीषण बाढ़ की तबाही के संकट से जूझ रहे राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में हालात से निपटना एक गंभीर चुनौती थी लेकिन उन्होंने दृढ़तापूर्वक हालात का सामना करते हुए प्रशासन का कामकाज सुचारू रुप से संभाला और बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद की। मंगलवार को यहॉं संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि विगत 120 वर्षों में बाढ़ की तबाही का यह आलम पहले कभी देखने को नहीं मिला है। ऐसे हालात में जब उन्होंने सत्ता की बागडोर संभाली तो विषम परिस्थितियों के साथ ही अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। बाढ़ प्रभावित जिलों में जब सैकड़ों गॉंव पानी में डूबे हुए थे तो हमने पूरा एक महीना बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिताया। केन्द्र सरकार से भी मदद ली और बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राहत एवं पुनर्वास कार्य को प्राथमिकता दी।
मुख्यमंत्री येडियुरप्पा ने अपनी सरकार के पहले सौ दिन के कार्यकाल पर कन्नड़ में प्रकाशित एक पुस्तिका दिना नूरू साधने नूरारू (सौ दिनों की सौ उपलब्धियॉं) जारी करने के दौरान बोलते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सरकार की ओर से किये राहत उपाय सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बाढ़ से प्रभावित किसी भी अन्य राज्य ने कर्नाटक की तरह अपने यहॉं बाढ़ राहत कार्य नहीं किया। हमारे मंत्रियों, विधायकों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तत्परता के साथ कार्य किया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों की निगरानी की ताकि लोगों को किसी भी तरह की समस्या न हो।

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