बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 पर लगाम लगाने के लिए 10वीं कक्षा की परीक्षा समेत सभी परीक्षाएं टाल दी हैं और राज्य की सीमाओं को बंद करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए ‘जनता कर्फ्यू’ का आह्वान किए जाने से राजधानी समेत राज्य के अन्य हिस्सों में सड़कों पर वीरानी छाई रही।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की ‘जनता कर्फ्यू’ अपील का समर्थन करने के लिए राज्य के लोगों की प्रशंसा की और उनका आभार जताया। ग्रामीण इलाकों में इस संक्रामक रोग को फैलने से रोकने के लिए शहर में लोगों से अगले 15 दिनों तक गांव न जाने की अपील करते हुए येडियुरप्पा ने कहा कि हवाईअड्डों पर अब से सभी घरेलू यात्रियों की जांच करने का भी फैसला किया गया है।
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘हमने राज्य की सीमाओं को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है, हम इस संबंध में हर किसी से सहयोग की अपेक्षा करते हैं। 27 मार्च को होने वाली 10वीं कक्षा की परीक्षा समेत सभी परीक्षाओं को टाल दिया गया है हालांकि केवल कल होने वाली 12वीं कक्षा की परीक्षा होगी।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने नारायण हेल्थ के अध्यक्ष डॉ. देवी शेट्टी, वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ कुछ महत्वपूर्ण कदमों के बारे में आज सुबह विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि शहर में विक्टोरिया अस्पताल में 1,700 बिस्तर की सुविधा को कोविड-19 से संबंधित मामलों के लिए विशेष अस्पताल में तुरंत प्रभाव से बदला जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘सभी चुनावों को टालने का फैसला किया गया है। मैं शहरों में रह रहे लोगों से 15 दिनों के लिए गांवों में न जाने की अपील करता हूं क्योंकि वहां अभी कोई समस्या नहीं है और संक्रमण के मामले शहरों में हैं।’ येडियुरप्पा ने कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच की जा रही है और अब से हवाईअड्डों पर सभी घरेलू यात्रियों की जांच करने का फैसला किया गया है।
उन्होंने बताया कि शहर में बालबूरी गेस्ट हाउस को ‘कोरोना वॉर रूम’ में बदला जाएगा और सभी संबंधित कदमों पर नजर रखी जाएगी और उनके नेतृत्व में उन्हें लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने लोगों से डरने या घबराने और खाद्य पदार्थों तथा अन्य आवश्यक सामान की जमाखोरी न करने के लिए कहा।
येडियुरप्पा ने कहा कि विषाणु की जांच के लिए प्रयोगशालाओं की संख्या फौरन बढ़ाने का फैसला किया गया है। संक्रमित लोगों के संपर्क में आए सभी लोगों की जांच की जाएगी, भले ही उनमें लक्षण दिखाई दें या नहीं।
उन्होंने कहा, ‘हर 10 लाख लोगों में से कम से कम 200 की जांच करने की सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। आईसीएमआर और एनआईवी के सहयोग से हमने कई सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 की जांच करने की अनुमति मांगने का फैसला किया है।’