बेंगलूरु/भाषा। मंगलूरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर विस्फोटक लगाने के संदिग्ध 36 वर्षीय व्यक्ति ने बुधवार को यहां पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध यहां डीजीपी और आईजीपी कार्यालय आया, जहां उसे पूछताछ और मेडिकल जांच के लिए हिरासत में ले लिया गया।
उन्होंने बताया कि संदिग्ध की पहचान मणिपाल निवासी आदित्य राव के रूप में की गई है। वह उस शख्स की तरह लगता है जिसे मंगलूरु हवाईअड्डे के सीसीटीवी कैमरे में कैद किया गया था। सूत्रों ने बताया कि संदिग्ध ने हवाईअड्डे पर बम लगाने का जुर्म कबूल कर लिया है। इस बीच, मंगलूरु पुलिस के अधिकारियों का एक दल संदिग्ध से पूछताछ करने के लिए शहर में पहुंच गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि राव को पूछताछ के लिए बेंगलूरु के हलसूर गेट पुलिस थाने ले जाया गया। वह इंजीनियरिंग में स्नातक और एमबीए डिग्रीधारक है। मंगलूरु शहर के पुलिस आयुक्त पीएस हर्षा ने ट्वीट किया कि जांच दल संदिग्ध से पूछताछ करेगा और फिर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
राव को 2018 में बेंगलूरु हवाईअड्डे को बम की झूठी खबर देने के लिए गिरफ्तार किया गया था और छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। उन्होंने बताया कि उसने यह बदला लेने के लिए किया क्योंकि उसे बेंगलूरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सुरक्षा गार्ड की नौकरी के लिए कुछ दस्तावेज न होने के कारण मना कर दिया गया था।
राव नौकरी की तलाश में 2012 में बेंगलूरु आया था और उसने एक निजी बैंक में नौकरी की जहां से बाद में इस्तीफा दे दिया था। फिर वह मंगलूरु चला गया जहां उसने छह महीने तक सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम किया और फिर उडुपी में एक रसोइए के तौर पर काम किया।
सूत्रों ने बताया कि बाद में वह फिर बेंगलूरु लौटा और एक बीमा कंपनी में काम करने लगा। उसने वहां से नौकरी छोड़कर हवाईअड्डे पर सुरक्षाकर्मी बनने के लिए आवेदन दिया। गौरतलब है कि मंगलूरु में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के प्रस्थान द्वार के टिकट काउंटर के समीप सोमवार को एक लावारिस बैग में विस्फोटक उपकरण मिला था जिसे बाद में खुले मैदान में निष्क्रिय कर दिया गया।