बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक में 55 वर्ष से ऊपर के जिन लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, उन्हें अब सेहत से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर कोरोना वायरस संक्रमण की जांच कराई जा रही है क्योंकि सरकार इसे फैलने से रोकने के लिए एहतियाती उपायों पर जोर दे रही है।
कोविड-19 से जुड़े सभी मामलों के प्रभारी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुधाकर के. ने मंगलवार को बताया कि अगर ऐसे लोगों को जरा भी बेचैनी, थकान या परेशानी होता है तो सरकार इसे गंभीरता से लेगी।
मंत्री ने कहा कि हम ऐसे मामलों में कोरोना वायरस की जांच करेंगे और हम ऐसा करना चाहते हैं। हमने वरिष्ठ नागरिकों खास कर जिन्हें पहले से गंभीर बीमारियां हैं, उनके लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अगर उन्हें हल्की-सी भी परेशानी होगी तो हम इसे गंभीरता से लेना चाहते हैं।
राज्य की आबादी में वरिष्ठ नागरिक करीब सात प्रतिशत हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में हर दिन करीब 2,300 ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चैन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच की है। यह प्रयोगशाला में कोरोना वायरस का पता लगाने और उसके अध्ययन का सबसे सटीक तरीका है।
सुधाकर ने कहा कि ये जांच 10 मई तक बढ़ाकर कम से कम 10,000 करने का लक्ष्य है। कर्नाटक में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 17 लोग जान गंवा चुके हैं। यहां 415 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।