हुब्बली/दक्षिण भारत। दक्षिण पश्चिम रेलवे के बेंगलूरु डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर अशोक कुमार वर्मा के दिशा-निर्देशन में कोरोना महामारी की रोकथाम और राहत कार्यों से जुड़े उपायों को लगातार अंजाम दिया जा रहा है।
देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन के मद्देनजर, समाज के कुछ लोगों, विशेष रूप से दैनिक मजदूरी करने वालों को भोजन का प्रबंध करने में मुश्किलें हो रही हैं। बेंगलूरु डिवीजन में आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) स्टाफ इस समय लगभग 250 दिहाड़ी मजदूरों को बेंगलूरु सिटी इलाके में भोजन उपलब्ध करा रहा है।
संभागीय रेलवे अस्पताल ने कोरोना रोगियों के लिए 50 बेड और पूर्ण-पृथक् सुविधा के साथ तीन वार्ड स्थापित किए हैं। वेंटिलेटरों के उपयोग के लिए 50 प्रतिशत डॉक्टरों और परा मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई है। अन्य कर्मचारियों को अगले तीन से चार दिनों के भीतर अपोलो अस्पताल, बेंगलूरु में प्रशिक्षित किया जाएगा।
बेंगलूरु शहर में सुपरवाइजर्स ट्रेनिंग सेंटर (एसटीसी) में लगभग 200 कमरे और हेजला में इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (आईआरआईडीएम) क्वारंटाइन सुविधा के लिए तैयार हैं।
केएसआर बेंगलूरु-हासन, बंगारपेट-मारीकुप्पम और बंगारपेट-येलहंका खंड जहां मालगाड़ियों की कोई आवाजाही नहीं है, यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। धर्मवरम-श्री सत्य साईं प्रशांति निलयम के माध्यम से पेनुकोंडा खंड भी 29 मार्च से बंद हो जाएगा।
रेलवे को आवश्यक श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है और पहचान पत्र के आधार पर रेलवे कर्मचारियों को आवाजाही की अनुमति दी जा रही है। आवश्यक प्रमाणपत्र उन कर्मचारियों को जारी किया जाता है, जिन्हें अपने कर्तव्य पालन के लिए इसकी आवश्यकता होती है और राज्य सरकार द्वारा इसे स्वीकार किया जाता है।
प्रारंभ में, ऐसे कुछ मामले थे जब कर्मचारियों को कार्यालय पहुंचने में असुविधा हुई थी। उनका समाधान किया गया और अब इस संबंध में कोई बड़ी समस्या नहीं है। दूर स्थानों पर रहने वाले कर्मचारियों को यात्रा से बचने के लिए अपने निकटतम कार्यस्थल पर ड्यूटी देने के लिए कहा जा रहा है।
डिवीजनल रेलवे मैनेजर और अन्य शाखा अधिकारी मेडिकल स्टाफ के साथ विभिन्न कार्यालयों का दौरा कर रहे हैं और सामाजिक दूरी एवं बुनियादी स्वच्छता के बारे में कर्मचारियों को सलाह दे रहे हैं।
पूरे डिवीजन में मास्क और सैनिटाइज़र वितरित किए गए हैं और कर्मचारी इसका उपयोग कर रहे हैं। फील्ड संपर्क के दौरान, यह देखा जाता है कि सभी कर्मचारी स्वस्थ हैं। किसी भी गंभीर बीमारी का कोई मामला सामने नहीं आया है।
डिवीजनल रेल प्रबंधक (डीआरएम), बेंगलूरु एके वर्मा ने बताया कि कोविड-19 के प्रसार के खिलाफ सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए राज्य सरकार रेलवे को पूरा सहयोग दे रही है।
डीआरएम ने इन्फोसिस फाउंडेशन को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत 200 लीटर हैंड सैनिटाइज़र प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। प्राप्त हैंड सैनिटाइज़र को पूरे डिवीजन में वितरित किया गया है।