बेंगलूरु/भाषा। मास्क लगाने और सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की चेतावनी देते हुए बेंगलूरु के पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने रविवार को कहा कि महानगर में अगर कोई कोविड-19 के एहतियाती नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो लोग पुलिस को फोन कर सकते हैं।
सरकार द्वारा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का प्रयास तेज करने के बीच उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि पुलिस और नगर निकाय के अधिकारी महानगर की सड़कों पर गश्त करेंगे और मास्क एवं सामाजिक दूरी के नियम लागू करेंगे, वहीं आम लोग भी इसका पालन नहीं करने वाले लोगों को आगाह कर सकते हैं।
उन्होंने व्यापारियों एवं अन्य लोगों से अपील की कि वंचित तबके के लोगों को मास्क दान करें। उन्होंने दुकानों एवं प्रतिष्ठानों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राव ने ट्वीट किया, ‘डीसीपी और बीबीएमपी (महानगर नगर निकाय के कर्मी) मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन कराने के लिए सड़कों पर हैं। अभी चेतावनी दी जा रही है, अगर पालन नहीं हुआ तो आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे। बेंगलूरु के हर नागरिक से अपील है कि मास्क पहनें और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करें। अगर लोग बहस करते हैं तो 100 नंबर पर फोन करें, हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। आरडब्ल्यूए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) और व्यवसायी कृपया वंचित तबके के लोगों को मास्क दान करें।’
उन्होंने कहा कि उच्च वर्ग के लोग या प्रभावशाली लोगों का ख्याल नहीं करें, चाहे जो भी हो, अपने आसपास के लोगों से कहें कि वे मास्क पहनें और इसे गर्दन पर लटकाकर नहीं घूमें। आयुक्त ने कहा कि अगर दुकानदार, मॉल, बैंक, होटल, कार्यालय और प्रतिष्ठान मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करते हैं तो महानगर पुलिस छापेमारी करेगी और कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी।
उन्होंने कहा, ‘यह शुरू हो चुका है। यह जनहित में है।’ मुख्यमंत्री वाईएस येडियुरप्पा ने हाल में कहा था कि जो लोग मास्क नहीं पहनते और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करते, सरकार ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा था कि शुरू में 200 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा और इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। महानगर में शनिवार की शाम तक कोविड-19 के 2,531 मामले सामने आए थे। इसमें 84 लोगों की मौत हो चुकी है और 533 मरीज संक्रमण से ठीक होकर घर लौट गए हैं।