कर्नाटक से राज्यसभा के लिए देवेगौड़ा, खरगे, दो भाजपा उम्मीदवार सर्वसम्मति से निर्वाचित घोषित

कर्नाटक से राज्यसभा के लिए देवेगौड़ा, खरगे, दो भाजपा उम्मीदवार सर्वसम्मति से निर्वाचित घोषित

बेंगलूरु/दक्षिण भारत । पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे और दो भाजपा उम्मीदवारों को कर्नाटक से राज्यसभा के लिए शुक्रवार को सर्वसम्मति से निर्वाचित घोषित कर दिया गया। राज्यसभा चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी, कर्नाटक विधासभा सचिव एम के विशालक्षी ने जद (एस) और कांग्रेस से क्रमश: देवेगौड़ा और खरगे तथा भाजपा से इरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती को सर्वसम्मति से निर्वाचित घोषित कर दिया क्योंकि कोई अतिरिक्त उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं था। अधिकारियों ने कहा, वैध रूप से नामांकित चारों उम्मीदवारों में से किसी के नामांकन वापस न लेने के साथ ही उन्हें सर्वसम्मति से निर्वाचित घोषित कर दिया गया। नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख आज थी।

खड़गे (77) राज्यसभा के लिए पहली बार निर्वाचित हुए हैं। इससे पहले वह अपने चार दशक से अधिक समय के राजनीतिक करियर में लोगों द्वारा सीधे चुने जाते रहे हैं। देवेगौड़ा (87) दूसरी बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। पहली बार वह 1996 में निर्वाचित हुए थे जब वह प्रधानमंत्री थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में खड़गे और देवेगौड़ा दोनों ही गुलबर्गा तथा तुमकुर निर्वाचन क्षेत्रों से हार गए थे।

भाजपा के इरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती कम जाने-पहचाने चेहरे हैं और यह उनके राजनीतिक करियर की पहली बड़ी छलांग है। भगवा दल के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा की सिफारिश को खारिज करते हुए कडाडी तथा गस्ती को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाकर सबको आश्र्चर्यचकित कर दिया था।

कर्नाटक से चार राज्यसभा सीटों को भरने के लिए 19 जून को चुनाव होना था। ये सीट कांग्रेस के राजीव गौड़ा और बी के हरिप्राद, भाजपा के प्रभाकर कोरे और जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी की 25 जून को सेवानिवृत्ति के साथ रिक्त हो जाएंगी। राज्य विधानसभा में अध्यक्ष सहित भाजपा के 117 सदस्य हैं जो राज्यसभा की चार में से दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों की आसान जीत सुनश्र्चित करने की स्थिति में थे, जबकि कांग्रेस अपने 68 विधायकों के साथ एक सीट पर आसान जीत सुनिश्र्चित करने में सक्षम थी। जद (एस) के विधायकों की संख्या 34 है और यह अपने दम पर राज्यसभा की एक भी सीट जीतने में सक्षम नहीं थी, लेकिन इसे कांग्रेस का उसके अतिरिक्त मतों के साथ समर्थन प्राप्त था। किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए न्यूनतम 45 मतों की आवश्यकता थी। हालांकि इस चुनाव में मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि किसी भी दल ने एक-दूसरे के खिलाफ अतिरिक्त उम्मीदवार खड़ा नहीं किया।

About The Author: Dakshin Bharat