‘आत्मनिर्भर भारत’ निर्माण की दिशा में भेल के निरंतर बढ़ते कदम

‘आत्मनिर्भर भारत’ निर्माण की दिशा में भेल के निरंतर बढ़ते कदम

भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड - भेल

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। भेल की स्थापना 1964 में बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के उद्देश्य से की गई थी। कंपनी इस लक्ष्य के लिए विभिन्न कसौटियों पर खरी उतरी है और बिजली क्षेत्र की पीढ़ी (कोयला, गैस, लिग्नाइट, पनबिजली, परमाणु, नवीकरणीय) और ट्रांसमिशन सेगमेंट के पूरे उपकरण निर्माण रेंज तक फैल गई है।

भेल द्वारा आपूर्ति उपकरण देश में उत्पादित बिजली का 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान देते हैं। इन वर्षों में, कंपनी परिवहन, रक्षा, एयरोस्पेस, पानी, तेल और गैस आदि के लिए अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों में इंजीनियरिंग और विनिर्माण गतिविधियों की शृंखला में विविधता लाकर स्वदेशी निर्माण में अग्रणी रही है।

भेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ निर्माण की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इनमें भारत में विनिर्माण आधार स्थापित करने की दिशा में, सुविधाओं और क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए वैश्विक विनिर्माण कंपनियों को आमंत्रित करने जैसे कदम शामिल हैं। साथ ही विशेष रूप से पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में प्रमुख आयातों के स्वदेशीकरण की दिशा में प्रयास किए गए हैं।

इस ओर आगे बढ़ते हुए, कंपनी ने हाल में इन गतिविधियों पर पूरा ध्यान केंद्रित करने के लिए एक नया कार्यक्षेत्र ‘मेक इन इंडिया (एमआईआई) बिजनेस डेवलपमेंट ग्रुप’ स्थापित किया है। कंपनी ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के लिए पूरी क्षमता के साथ प्रयासों में जुटी है।

इन प्रयासों का उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ निर्माण और कंपनी की क्षमता का उपयोग करते हुए देश की मांगों के अनुरूप उत्पादन करना है। इसके लिए कंपनी द्वारा, खरीदे/आयात किए जा रहे उत्पादों का इन-हाउस विकास और निर्माण, इंजीनियरिंग उद्देश्यों के लिए आयात किए जा रहे उत्पादों का निर्माण, निर्यात की दिशा में वैश्विक निर्माताओं के साथ काम करना जैसे प्रभावी कदम उठाए गए हैं।

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