बेंगलूरु: बेतरतीब वाहन पार्किंग से कैसे मिले निजात?

बेंगलूरु: बेतरतीब वाहन पार्किंग से कैसे मिले निजात?

प्रतीकात्मक चित्र

मुख्य सचिव के नेतृत्व में समिति बेंगलूरु में पार्किंग समस्या के समाधान के लिए तैयार करेगी नीति का मसौदा

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर में पार्किंग की बढ़ती समस्या के मद्देनजर राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अगुवाई में एक समिति का गठन किया है। यह पार्किंग से संबंधित समस्याओं का अध्ययन कर उनके समाधान के लिए एक उन्नत पार्किंग नीति तैयार करेगी। इसके मसौदे में पार्किंग शुल्क, उसके संग्रह के तरीके और अन्य दिशा-निर्देश शामिल किए जाएंगे।

इस संबंध में बीडीए चेयरमैन एसआर विश्वनाथ ने मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कहा कि वर्तमान में शहर में लगभग 80 से 85 स्थानों पर स्मार्ट पार्किंग है। यह महसूस किया गया कि अन्य भागों में भी इसी तरह की सुविधा स्थापित की जानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि बेतरतीब पार्किंग के कारण होने वाली असुविधा को रोकने के लिए एक नई नीति की परिकल्पना की जा रही है। सख्त उपाय जरूरत बन गए हैं। उन्होंने मौजूदा हालात पर कहा कि सड़क के दोनों ओर घरों के सामने पार्किंग एक अभिशाप बन गई है। महीनों तक कारों को कवर करके पार्क कर दिया जाता है। इसे समाप्त करना होगा।

दिए जा रहे ये सुझाव
वहीं, शहर में स्मार्ट पार्किंग के लिए भी कई सुझाव दिए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्किंग की समस्या दूर करने के लिए यह उपाय कारगर साबित हो सकता है कि जिन आवासीय इलाकों में खाली जगह मौजूद है, वहां पार्किंग बनाई जाए। उस जमीन के मालिकों को इसका किराया दिया जाए।

इसके अलावा बहु-स्तरीय पार्किंग एरिया भी एक विकल्प हो सकता है। शहर की सड़कों पर स्मार्ट पार्किंग सुविधा के विस्तार की बात पर जोर दिया गया है। साथ ही, एक सुझाव यह दिया जा रहा है कि जब कोई व्यक्ति वाहन खरीदे तो उसे इस आशय का शपथपत्र देना चाहिए कि उसके पास पार्किंग की सुविधा है। अगर पार्किंग के लिए जगह नहीं है तो वाहन खरीदने की अनुमति न हो।

विवाद की वजह बनती पार्किंग
शहर में कई जगह ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जब अपर्याप्त पार्किंग के कारण विवाद हुआ। बेन्सन टाउन और हैरिस रोड जैसे इलाकों में रहने वाले लोग बताते हैं कि वे बेतरतीब पार्किंग के कारण कई बार खुद को ‘कैद’ जैसी स्थिति में पाते हैं। अब तो यह रोज की बात हो चुकी है।

सुबह जब घर का मुख्य द्वार खोलते हैं तो किसी न किसी का वाहन रास्ता रोके खड़ा होता है, वहीं ड्राइवर नदारद रहता है। ऐसे में स्कूल, कॉलेज और कार्यस्थल पर जाने में असुविधा का सामना करना पड़ता है।

एक स्थानीय निवासी बताते हैं कि उनके साथ कई बार ऐसा हुआ है। उनके घर के सामने कोई और अपना वाहन खड़ा कर जाता है। अगर मना किया जाता है तो बात झगड़े तक जा पहुंचती है, जो कि सभ्य समाज के लिए उचित नहीं है।

‘सड़क तो आपकी संपत्ति नहीं है’
एक और शख्स बताते हैं कि जब वे किसी को अपने घर के सामने सड़क पर गाड़ी पार्क करने से मना करते हैं तो उन्हें जवाब मिलता है- ‘सड़क तो आपकी संपत्ति नहीं है, यह सार्वजनिक है!’ क्या वे मुझे अपने घर के सामने गाड़ी पार्क करने देंगे? हैरिस रोड तो एक तरह से सबके लिए कार पार्किंग की जगह ही बन चुकी है जहां कोई भी दूसरों की सुविधा का ध्यान किए बिना अपनी मर्जी से गाड़ी खड़ी कर चला जाता है।

बेन्सन टाउन में एक बुजुर्ग बताते हैं कि उन्होंने पार्किंग के कारण ऐसी हालत अपने जीवन में कभी नहीं देखी। अब तो फुटपाथ पर चलना भी मुश्किल हो गया है। अव्यवस्थित पार्किंग के कारण सड़कें सिकुड़ी हुई लगती हैं। इस समस्या की एक वजह यह है कि यहां पार्किंग एरिया तय नहीं किए गए हैं। अगर इस संबंध में प्रभावी नियम लागू किए जाएं तो लोगों को सुविधा होगी।

इसी इलाके से ताल्लुक रखने वाले एक युवक कहते हैं, ‘एक तरफ पार्किंग की समस्या है, दूसरी ओर सरकार नई गाड़ियों को धड़ल्ले से इजाजत दे रही है। क्या इससे समस्या नहीं बढ़ेगी? क्या सरकार को बहु-स्तरीय पार्किंग की ओर ध्यान नहीं देना चाहिए?’

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