बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक के बेंगलूरु में 11 अगस्त को भड़की हिंसा के मामले में आरोपी पूर्व महापौर आर संपत राज और कांग्रेस के अन्य पार्षद को शरण देने और मदद करने के आरोप में एक को व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि हिंसा की जांच की कर रही केंद्रीय अपराध शाखा ने राज और पार्षद अब्दुल रकीब जाकिर की पिछले महीने शहर से बाहर भागने में मदद करने और उन्हें कुछ दिनों तक आश्रय देने के आरोप में रियाजुद्दीन को गिरफ्तार किया है।
व्यक्ति को सात नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और एक अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। राज को कोरोना वायरस के इलाज के लिए एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से वह कथित रूप से भाग गए थे जबकि पुलिस ने अस्पताल प्रशासन से कहा था कि उन्हें छुट्टी देने से पहले पुलिस को सूचित करें।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘रियाजुद्दीन अपनी कार में राज और जाकिर को नगरहोले के पास एक फार्महाउस में ले गया था और उन्हें कुछ दिन तक शरण दी थी।’
नगरहोले एक राष्ट्रीय उद्यान है जो मैसूरु और कोडागु जिलों में फैला है। दोनों नेता अगस्त में शहर के कुछ हिस्सों में भड़की हिंसा से संबंधित मामले में वांछित हैं।
पुलकेशीनगर से कांग्रेस के विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी और भीड़ ने विधायक के घर को आग लगा दी थी।
मामले के आरोप पत्र के मुताबिक, देवरा जीवनहल्ली से कांग्रेस पार्षद राज ने जाकिर के साथ मिलकर विधायक को राजनीतिक तौर पर खत्म करने के लिए हिंसा की साजिश रची थी। पुलिस ने बताया कि राज और जाकिर अब भी फरार हैं।