बेंगलूरु दंगा मामले में एनआईए ने दो विधायकों से भी पूछताछ की

बेंगलूरु दंगा मामले में एनआईए ने दो विधायकों से भी पूछताछ की

तोड़फोड़ और आगजनी करती उग्र भीड़

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। डीजे हल्ली और केजी हल्ली दंगा मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच जारी है। इसी सिलसिले में वह चामराजपेट विधायक बीजेड जमीर अहमद खान और शिवाजी नगर विधायक रिजवान अरशद से भी पूछताछ कर चुकी है।

इस संबंध में एनआईए का कहना है कि उन गवाहों से पूछताछ की जा रही है जो घटनास्थल पर मौजूद थे। यह कार्यवाही का हिस्सा है। बता दें कि 11 अगस्त की रात को जब हिंसा भड़क उठी तो पुलिस ने शांति स्थापित करने के लिए दोनों विधायकों को मौके पर बुलाया था। यह भीड़ कथित तौर पर पुलिकेशिनगर विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे नवीन की एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद तोड़फोड़ पर उतर आई थी।

एनआईए ने कहा कि यह जांच की जा रही है कि वास्तव में क्या हुआ था और विधायकों ने कैसे स्थिति को संभाला। उनके बयान रिकॉर्ड किए जा रहे हैं।

रिकवरी एजेंट उगलेगा राज़?
मामले की जांच हाथ में लेने के बाद, एनआईए ने 24 सितंबर को सैयद सादिक अली (44) को गिरफ्तार कर लिया, जो एक प्राइवेट बैंक के लिए बतौर रिकवरी एजेंट काम करता है। उस पर दंगे भड़काने में प्रमुख साजिशकर्ता होने का आरोप है। इसके अलावा, अधिकारियों को संदेह है कि वह दंगे के कई आरोपियों के साथ संपर्क में था, जो बड़े पैमाने पर कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने की साजिश का हिस्सा थे।

क्या कहते हैं विधायक
विधायक अरशद ने कहा कि वे उस रात घटनास्थल पर गए ताकि पुलिस को स्थिति पर काबू करने में मदद मिल सके। हमने वह किया जिसमें हम स्थिति को बेहतर बना सकते थे। यह हमारे लिए बड़ा जोखिम था, लेकिन हमने इसे शांति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी के रूप में देखा।

इन पर शक की सुई
मामले की हकीकत सामने लाने के लिए एनआईए उन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है जो घटनास्थल पर थे। इसके अलावा मुख्य संदिग्ध पूर्व महापौर संपत राज और पूर्व पुलकेशिनगर पार्षद अब्दुल रकीब ज़ाकिर, दोनों के नाम केंद्रीय क्राइम ब्रांच (सीसीबी) पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में रखे गए हैं।

उन पर कथित राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर पर हमला करने के लिए साजिश रचने और भीड़ जुटाने का आरोप है। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता सिद्दरामैया कहते हैं कि हिंसा में कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने पार्टी नेताओं में ‘भय’ फैलाने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाया।

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