नई दिल्ली/भाषा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से शुक्रवार को कहा कि वह धनशोधन मामले में आरोपी कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार के कुछ रिश्तेदारों एवं सहयोगियों से कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूछताछ करे।
अदालत ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता जांच में शामिल होते हैं, तो यह न्याय के हित में होगा। याचिकाकर्ता कर्नाटक के रहने वाले हैं। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने मामले के जांच अधिकारी से कहा कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंस का समय याचिकाकर्ताओं के साथ साझा करें, ताकि उससे जुड़ने में उन्हें कोई दिक्कत न हो।
शिवकुमार के रिश्तेदारों और सहयोगियों ने ईडी द्वारा जारी समन को चुनौती देते हुए सात अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। ईडी ने गवाहों के तौर पर पूछताछ के लिए उन्हें तलब किया था। राजेश एच, गंगाशरण, जयशीला, चंद्र जी, के वी लक्ष्मम्मा, मीनाक्षी और हनुमंतैया जी ने याचिकाएं दायर की थीं।
याचिकाकर्ताओं की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने कहा कि सीआरपीसी के प्रावधानों का उल्लंघन कर समन जारी किए गए। उन्होंने दावा किया कि याचिकाकर्ता मुख्य आरोपी के संबंधी हैं, इसलिए यह उन्हें धमकाने का तरीका है। माथुर ने कहा कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करेंगे।
ईडी की पैरवी कर रहे केंद्र सरकार के स्थायी वकील अमित महाजन ने कहा कि याचिकाकर्ताओं से पहले दस्तावेज मांगे गए थे, लेकिन कुछ दस्तावेजों में स्पष्टीकरण की आवश्यकता है, इसलिए उन्हें पेश होने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि एजेंसी सुनवाई की अगली तारीख 19 नवंबर तक याचिकाकर्ताओं के व्यक्तिगत रूप से पेश होने पर जोर नहीं देगी।
कर्नाटक के सात बार के विधायक शिवकुमार (58) को ईडी ने पिछले साल तीन सितंबर को धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था। उन्हें पिछले साल अक्टूबर में उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी।