88 वैक्सीन स्टोर, 2767 कोल्ड चेन प्वाइंट से सहज होगा टीकाकरण
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। राज्य कोरोना महामारी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की ओर बढ़ रहा है। इसी सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने रविवार को आनंद राव सर्किल पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पुराने कार्यालय में कोविड-19 वैक्सीन की सुरक्षित आपूर्ति और भंडारण व्यवस्था की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने बताया कि राज्य के टीकाकरण कोल्ड चेन नेटवर्क में 88 वैक्सीन स्टोर हैं। साथ ही, दो सबसे बड़ी भंडारण सुविधाएं बेंगलूरु और बेलगावी में हैं। इसके बाद चित्रदुर्ग, कलबुरगी, दक्षिण कन्नड़, मैसूरु और बगलकोट में पांच क्षेत्रीय स्थान हैं। बीबीएमपी सीमा में निगम भंडारण के अलावा 30 जिला टीका भंडारण सुविधाएं हैं। मंत्रालय ने 50 ब्लॉक वैक्सीन स्टोर, 2767 कोल्ड चेन प्वाइंट और परिवहन के लिए 900 लॉजिस्टिक वाहनों को भी तैयार किया है।
मंत्री सुधाकर ने बताया कि 16 जनवरी से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान के मद्देनजर भंडारण को लेकर अच्छी तरह से प्रबंध किए गए हैं। इसके लिए कर्नाटक के हर कोने तक कोविड वैक्सीन पहुंचाने की तैयारी है।
कहां कितने इंतजाम?
मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के लिए पहले चरण में 13.90 लाख वैक्सीन की उम्मीद है। बेंगलूरु में दो वॉक-इन कूलर हैं जो 45 लाख शीशियों को स्टोर कर सकते हैं। वहीं, 25 लाख सीरिंज आने की उम्मीद है। इसके अलावा, एक वॉक-इन फ्रीजर है जो 40 लाख खुराक जमा कर सकता है। केंद्र से एक और फ्रीजर का इंतजार है।
ये टीके पहले राज्य की भंडारण सुविधा तक पहुंचेंगे। इसके बाद इन्हें पांच क्षेत्रीय स्टोरों में वितरित किया जाएगा, जहां से इन्हें जिलों में छोटे केंद्रों पर ले जाया जाएगा।
सुरक्षित वैक्सीन के लिए वैज्ञानिकों की मेहनत
मंत्री ने टीका लगवाने के बारे में कहा कि एक बार दिशानिर्देश जारी हो जाएंगे तो मैं इसे लगवाने वाला कर्नाटक का पहला व्यक्ति होऊंगा। उन्होंने देश के वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने एक सुरक्षित वैक्सीन तैयार करने के लिए अथक प्रयास किए हैं।
मंत्री ने टीकाकरण के दौरान भीड़ नियंत्रण के सवाल पर कहा कि जब स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा तो भीड़ नियंत्रण कोई मसला नहीं होगा, लेकिन जब इसे आम जनता के लिए भेजा जाएगा, तो यह एक चुनौती होगी कि जिसे वे संभाल लेंगे।
मंत्री ने बताया कि राज्य में हाल में दो ड्राई रन या मॉक ड्रिल हुए हैं। इसके जरिए सरकार ने तकनीकी और डिजिटल खामियों का पता लगाया है। उन्होंने टीकाकरण प्रक्रिया के बारे में कहा कि ओटीपी सही व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। इन सभी पहलुओं को सुधारा गया है। कर्नाटक के सभी लोगों तक वैक्सीन पहुंचने में कुछ महीने लगेंगे
बीबीएमपी ने भी कसी कमर
उधर, बीबीएमपी ने भी टीकाकरण प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए कमर कस ली है। बीबीएमपी आयुक्त एन मंजूनाथ प्रसाद ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि 1,507 केंद्र शहरभर में स्थापित किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोविड-19 टीकाकरण सुचारु रूप से संचालित हो। केंद्रों को समूहों में बांटा जाएगा और प्रत्येक समूह में एक सेक्टर अधिकारी के नेतृत्व में पांच केंद्र शामिल होंगे। इस तरह 300 सेक्टर अधिकारी होंगे। प्रत्येक केंद्र को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर रोज कम से कम 100 लोगों को टीका लगाया जाए।
होंगे ये प्रबंध
इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए सेक्टर अधिकारियों को वितरण और टीकाकरण प्रक्रियाओं में प्रशिक्षित किया जाएगा। हर केंद्र को निकटतम अस्पताल से जोड़ा जाएगा और टीकाकरण केंद्र पर एंबुलेंस तैनात की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है, तो उसे जल्द चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके।
आयुक्त ने बताया कि पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण होगा। इसके बाद शिक्षकों, पुलिस, राजस्व विभाग के अधिकारियों और अन्य फ्रंटलाइन कर्मचारियों को टीका लगाया जाएगा। तीसरे चरण में, 50 साल से अधिक उम्र वालों और 50 से कम उम्र वालों की पहचान मतदाता सूची से की जाएगी।
टीकाकरण प्रक्रिया के लिए बीबीएम ने 1.75 लाख स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की पहचान कर उनकी जानकारी कोविन पोर्टल पर अपडेट कर दी है। टीकाकरण को आसान बनाने के लिए हर केंद्र पर पेयजल, कुर्सियों आदि के अलावा वाईफाई और जरूरी इंतजाम किए जाएंगे।
बता दें कि कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण के समाचार से देशभर के लोगों में उत्साह है। सोशल मीडिया पर उम्मीद जताई जा रही है कि सावधानियों का पालन करते हुए टीकाकरण के जरिए कोरोना महामारी पर जीत दर्ज की जाएगी।