नए साल की पूर्व संध्या पर सार्वजनिक जश्न की इजाजत नहींः सुधाकर

नए साल की पूर्व संध्या पर सार्वजनिक जश्न की इजाजत नहींः सुधाकर

कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सुधाकर

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर नए साल की पूर्व संध्या पर कहीं भी सार्वजनिक जश्न की इजाजत नहीं होगी। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के सुधाकर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि नए साल की पूर्व संध्या पर बेंगलूरु में एमजी रोड और ब्रिगेड रोड पर या राज्य में कहीं भी सार्वजनिक जश्न की इजाजत नहीं दी जाएगी।

एक समीक्षा बैठक के बाद मंत्री ने बताया कि सरकार ने 20 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच, 200 से कम लोगों के साथ क्रिसमस, नया साल, शादियों, धार्मिक और अन्य समारोह के लिए आयोजन के संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं।

वहीं राजस्व मंत्री आर. अशोक ने कहा कि पब, बार और होटलों को नए साल के उत्सव के मौकों पर अपनी बैठने की केवल आधी क्षमता का इस्तेमाल करना चाहिए। बता दें कि ये सावधानियां कोरोना महामारी को लेकर उन रिपोर्टों के बाद बरती जा रही हैं जिनमें विशेषज्ञों ने वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका जताई थी।

महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने बड़े स्तर पर तैयारियों की बात पर जोर दिया है। इसके बारे में मंत्री सुधाकर ने कहा कि विभिन्न जिलों में अगले तीन महीनों के दौरान संक्रमण को कम रखने के लिए टेस्टिंग लक्ष्य और रोकथाम उपायों पर चर्चा की गई।

ये जिले बेंगलूरु शहर, बेंगलूरु ग्रामीण, बल्लारी, यादगीर, दक्षिण कन्नड़, बेलगावी, बीदर, हावेरी और उडुपी हैं। मंत्री ने कोरोना महामारी का सामना करने के लिए तैयारियों पर कहा कि राज्य महामारी की संभावित दूसरी लहर के लिए अच्छी तरह से तैयार है।

उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में दस जिला अस्पतालों और 30 तालुक अस्पतालों को ऑक्सीजन जनरेटर और अन्य उपकरणों की खरीद के लिए 37.72 करोड़ रुपए मुहैया कराए गए हैं। इसके अलावा रैपिड एंटीजन टेस्ट किट खरीदने के लिए 11.32 करोड़ रुपए अलग रखे गए हैं और अगले 90 दिनों के लिए दवा खरीदने के लिए 22.5 करोड़ रुपए रखे गए हैं।

इस अवसर पर उन्होंने सरकार द्वारा 30,000 टीकाकरण स्थलों, 1.1 लाख टीका लगाने वालों और पांच लाख लाभार्थियों की पहचान किए जाने की जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कुछ प्राइवेट अस्पतालों में एंटी-वायरल दवा रेमडेसीविर की अधिक कीमत वसूली जा रही है। ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कर्नाटक निजी चिकित्सा प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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