बागलकोट/दक्षिण भारत। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने रविवार को बागलकोट में आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान कांग्रेस पार्टी पर बरसते हुए कहा कि गठबंधन की सरकार में वह सिर्फ नाम मात्र के मुख्यमंत्री थे।
उन्होंने कहा कि मैं गठबंधन सरकार में एक मुख्यमंत्री के नाते स्वतंत्र निर्णय लेने में भी असमर्थ था। मैंने 14 महीने के कार्यकाल के दौरान एक प्रथम श्रेणी के क्लर्क की तरह काम किया।
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद जद (एस) द्वारा आयोजित पहला कार्यक्रम इस क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को शुरू करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
इसी मौके पर अपनी बात रखते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि मुझे गठबंधन के दौरान किसी भी तरह की आजादी नहीं थी। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दरामैया और उनके सहयोगियों ने अपने शासन के दौरान घोषित किए गए अपने कार्यक्रमों और सिंचाई परियोजनाओं को जारी रखने के लिए मुझ पर ज़बरदस्ती दबाव बनाया था।
इस दौरान पार्टी से नाराज कुमारस्वामी ने दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा की निंदा की और केंद्र सरकार से किसानों के हित में एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह भी किया।
उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा भारतीय इतिहास में एक काला निशान है। सरकार को हिंसा के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच करनी चाहिए।