केंद्र शासित प्रदेश घोषित हो मुंबई
बेलगाम/दक्षिण भारत। महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहा एक दशक पुराना सीमा विवाद एक बार फिर राजनीतिक कलह और तीखे बयानों से सुर्खियां बटोर रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सीमा विवाद पर विवादित हिस्से को केंद्र शासित प्रदेश बना दिए जाने के बयान पर कर्नाटक सरकार ने अब एक नया दावा पेश किया है। राज्य के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने कहा कि मुंबई को कर्नाटक में शामिल किया जाना चाहिए या फिर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना देना चाहिए।
निप्पनी के पास बोरगांव में सावदी ठाकरे के बयानों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, तब उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के सीमा विवाद के सभी बयानों की निंदा करते हैं और हमें विश्वास है सर्वोच्च न्यायालय में यह मामला हमारे पक्ष में जाएगा।
सावदी ने कहा कि हमारे क्षेत्र के लोगों की मांग है कि हम भी मुंबई-कर्नाटक (क्षेत्र) का हिस्सा रहे हैं, इसलिए हमारा भी मुंबई पर अधिकार है। सावदी ने आगे कहा कि जब तक मुंबई का कर्नाटक में विलय नहीं हो जाता है, तब तक इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा सावदी ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद सुलझा लिया जाएगा क्योंकि कर्नाटक ने अब मुंबई में अपनी हिस्सेदारी मांगना शुरू कर दिया है। इस बीच बुधवार को मुंबई में महाराष्ट्र के सीएम द्वारा सीमा विवाद पर एक पुस्तक के विमोचन के दौरान दिए गए बयान पर पूरे कर्नाटक में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। विभिन्न राजनीतिक दलों ने ठाकरे पर निशाना साधा।
केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली ने कहा कि जब भी कोई नई सरकार सत्ता में आती है तो सीमा विवाद पर गैर-जिम्मेदाराना बयान जारी करती है और महाराष्ट्र में यह प्रथा बहुत पुरानी है। उन्होंने कहा कि बेलगाम क्षेत्र कर्नाटक का एक अभिन्न हिस्सा था और सीमा विवाद से संबंधित एक मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित था। कन्नडिगा के रूप में मैं उद्धव ठाकरे को इस तरह की राजनीति नहीं करने की सलाह दूंगा।