बेंगलूरु/दक्षिण भारत। राज्य में फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए कोरोना टीकाकरण के अब तक के आंकड़े बहुत उत्साहजनक नहीं हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों के वैक्सीन को लेकर रुझान के बावजूद बीते सोमवार तक वैक्सीन लेने वाले निर्धारित 87,105 फ्रंटलाइन वर्कर्स में से केवल 22% (18,763) को वैक्सीन लगाई गई।
इन फ्रंटलाइन वर्कर्स में पुलिस और कुछ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। वहीं कुछ कर्मचारियों में वैक्सीन लेने के प्रति हिचकिचाहट भी देखी गई। इसके अलावा जिन स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण चल रहा है, उनमें पंजीकृत 8,02,101 स्वास्थ्य कर्मचारियों में से 3,93,439 (49%) को 16 जनवरी से 8 फरवरी के बीच कोवाक्सिन या कोविशिल्ड वैक्सीन दी गई।
राज्य के 30 केंद्रों में कहीं भी टीकाकरण 50% से ऊपर नहीं पहुंच पाया है। टीकाकरण में तुमकुरु (41%), गदग (44%), और चिकमगलूरु (43%) जैसे जिले हैं। वहीं बेंगलूरु अर्बन में 13%, बेलगाम में 19%, बल्लारी में 21% और चामराजनगर, दक्षिण कन्नड़, दावणगेरे और मैसूर जैसे जिलों में क्रमशः 5%, 6%, 8% और 8% टीकाकरण रहा।
स्वास्थ्य कर्मचारियों में वैक्सीन को लेकर खराब प्रदर्शन में वैक्सीन को लेकर झिझक और कोविन ऐप में गड़बड़ जैसे कारण बताए जा रहे हैं। टीकाकरण को लेकर अधिकारियों ने बताया कि उडुपी जिले में एक दिन में 593 लोगों में से 132 (22%) लोगों का चार केंद्रों पर टीकाकरण किया गया।
वहीं कलबुर्गी जिले में पुलिस विभाग के 3,772 कर्मियों में से जिन्होंने नामांकन किया, 288 (7.64%) को उनकी पहली खुराक मिली। 3,141 राजस्व विभाग के कर्मचारियों में से 128 (4.08%) का टीकाकरण किया गया और 1,544 नगरपालिका कर्मचारियों में से 26 (1.68%) को वैक्सीन लगायी गई।