सप्ताहांत कर्फ्यू के पहले दिन निर्जन रहीं सड़कें
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए सरकार काफी एहतियात बरत रही है। यहां 4 मई तक सख्त पाबंदियां पहले ही लागू कर दी गई हैं जिनका असर दिखाई देने लगा है। संकमण की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए लागू सप्ताहांत कर्फ्यू के दौरान बेंगलूरु में शनिवार को सड़कें निर्जन नज़र आईं। जरूरी कारणवश बहुत कम लोग बाहर दिखाई दिए।
सप्ताहांत कर्फ्यू के पहले दिन जिन सड़कों और इलाकों में आमतौर पर काफी हलचल होती है, वो वीरान नज़र आए। जेसी रोड, एमजी रोड, केआर मार्केट और अन्य इलाके जहां सामान्य दिनों में काफी चहलपहल होती है, वहां सन्नाटा पसरा रहा। इक्का-दुक्का घटनाओं को छोड़ दें तो ज्यादातर बेंगलूरुवासी अपने घरों में ही रहे और कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन किया।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर इसकी काफी चर्चा रही। शहरवासियों ने उम्मीद जताई कि टीकाकरण अभियान में तेजी और सप्ताहांत कर्फ्यू के साथ जरूरी सावधानियों के पालन से ही कोरोना वायरस की चेन टूटेगी और फिर से जनजीवन सामान्य होगा।
इस दौरान लोगों ने आसपास के इलाकों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पिछले साल लगाए गए लाॅकडाउन के दिनों की याद ताजा की। तस्वीरों में देखा गया कि सड़कें वीरान थीं। कुछेक आवारा पशुओं के अलावा दूर-दूर तक कोई नज़र नहीं आ रहा था। बड़ी दुकानें बंद होने से बाजारों से रौनक गायब रही। इसी प्रकार अन्य दुकानों पर ताले लटके नजर आए।
हालांकि इस अवधि में खानपान और दवाइयों की होम डिलिवरी देने वालों के वाहन जरूर नज़र आए। उनके अलावा, पुलिस के वाहन चक्कर लगाते दिखे। उलसूर में पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद दोपहर को सब्जी की दुकानें बंद करा दी गईं। इसी प्रकार कैंब्रिज लेआउट में कुछ ऑटो रिक्शा चलते देखे गए। कुरुबाराहल्ली में भी कुछ वाहन सड़कों पर देखे गए। यही स्थिति बीटीएम लेआउट की थी।
इंदिरा नगर और तिप्पासांद्रा इलाका, जहां दुकानों के अलावा काफी रेस्टोरेंट हैं, वहां दुकानें बंद रहीं और सड़कों से आवाजाही गायब थी। काॅक्स टाउन में खानपान संबंधी दुकानें भी बंद रहीं। वहीं कुछेक जगह भवन निर्माण गतिविधियों में मजदूर काम करते देखे गए।
सप्ताहांत कर्फ्यू क्यों ज़रूरी?
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए कर्नाटक सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की थी जो 21 अप्रैल रात नौ बजे से लागू है। यह 4 मई की सुबह छह बजे तक लागू रहेगी। सप्ताहांत कर्फ्यू कोरोना के खिलाफ लड़ाई का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर सप्ताहांत में बाजार और सार्वजनिक स्थानों पर ज्यादा भीड़ होती है। अगर कोरोना महामारी के गंभीर होते जा रहे खतरे के बीच लोगों का इस तरह इकट्ठा होना जारी रहा तो स्थिति गंभीर हो सकती है। वायरस की चेन तोड़ने के लिए जरूरी है कि कुछ दिनों तक एक-दूसरे से यथासंभव भौतिक दूरी बनाई जाए।