सैकड़ों विदेशियों के अवैध रूप से रहने का अंदेशा, किस बात का इंतजार कर रहा प्रशासन?
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद अफ्रीकी युवक की मौत मामले में मंगलवार को उसके दूतावास के अधिकारी बेंगलूरु पहुंचे। दिल्ली से आए अधिकारियों ने यहां पुलिस आयुक्त कमल पंत से मुलाकात की।
इस दौरान पुलिस आयुक्त पंत ने अधिकारियों को युवक जोएल से संबंधित रिपोर्टें दिखाईं। साथ ही, अस्पताल से मिली जानकारी भी साझा की। बताया गया कि संबंधित अधिकारी जांच से संतुष्ट हैं।
उल्लेखनीय है कि पुलिस दूतावास के अधिकारियों का इंतजार कर रही थी और शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया था। अब बुधवार को पोस्टमार्टम होगा। वहां अधिकारी जाएंगे और उन्हें शव सुपुर्द कर दिया जाएगा।
कांगो नागरिक जोएल पर नशीले पदार्थ रखने का आरोप था। उसे रविवार देर रात जेसी नगर पुलिस ने हिरासत में लिया था। कुछ समय बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
इस घटना से अफ्रीकी समुदाय के लोग भड़क उठे। उन्होंने बेंगलूरु पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए थाने के सामने हंगामा किया। बाद में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और गिरफ्तार कर स्थिति पर काबू पाया गया।
वीजा समाप्त, नहीं गया स्वदेश
अब तक यह बात सामने आई है कि जोएल अवैध रूप से यहां रह रहा था। उसका छात्र वीजा छह साल पहले ही समाप्त हो चुका है, लेकिन वह स्वदेश नहीं गया। अफ्रीकी देशों से आने वाले कई लोगों पर अवैध रूप से यहां रहने का संदेह जताया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो करीब 700 विदेशी यहां अवैध रूप से रह रहे हैं। उनके वीजा समाप्त हो चुके हैं। इससे कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती पैदा हो सकती है। अवैध रूप से रहने वालों के खिलाफ पहले भी आवाजें उठती रही हैं, लेकिन प्रशासन की सुस्ती कारण बात आगे नहीं बढ़ पाई। ऐसे में जरूरी है कि संबंधित लोगों के दस्तावेजों की जांच की जाए और जो संवैधानिक रूप से यहां रहने की योग्यता नहीं रखते, उन्हें स्वदेश भेजा जाए।