चेन्नई निगम के राजस्व में 16 प्रतिशत की बढोत्तरी

चेन्नई निगम के राजस्व में 16 प्रतिशत की बढोत्तरी

चेन्नई। टैक्स की दर में कोई बदलाव नहीं होने के बावजूद, ग्रेटर चेन्नई निगम के राजस्व में १६.८२ प्रतिशत की ब़ढोतरी हुई है। निगम के राजस्व संग्रह में यह उछाल पिछले वर्ष केन्द्र सरकार द्वारा किए गए विमुद्रीकरण के कारण हुआ है। नगर निगम प्रशासन और जल आपूर्ति विभाग के अनुदान की मांग को मंजूरी देते हुए मंत्री एसपी वेलुमणि ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि वर्ष २०१६-१७ के दौरान चेन्नई निगम को २,७४२ करो़ड रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। सिर्फ संपत्ति कर के रुप में इसने ६९५.४६ करो़ड रुपए का संग्रह किया है। हालांकि निगम ने संपत्ति कर के रुप में केवल ६५० करो़ड रुपए संग्रहित करने का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन पिछले साल ९ नवंबर को केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए विमुद्रीकरण के कारण इसमें राजस्व संग्रह में काफी वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण के बाद कई ऐसे कर का भी भुगतान कर दिया गया जो वर्षों से लंबित थे। मंत्री ने बताया कि वरदा तूफान के बाद प्रभावित हुई हरियाली को पुनस्र्थापित करने से संबंधित ४० से ४५ प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका ह। उन्होंने कहा कि हरियाली बढाने के कार्य में गैर-सरकारी संगठनों और कल्याण संघों को साथ लिया गया है और जुलाई से पहले यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पौधों को लगाने के लिए कुल ७५ करो़ड रुपए का आवंटन किया गया है और अभी तक इसमें से २६ करो़ड रुपए खर्च किए जा चुके हैं। वेलूमणि ने विधानसभा में वर्ष २०१७-१८ के लिए नई नीति की भी घोषणा की।नई नीति के तहत स्मार्ट सिटी, अमृत, स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित कार्यों और बरसाती जल नालों, स़डकों, पुलों, उद्यानों और मरीना बीच के सौंदर्यीकरण पर ध्यान दिया गया है।उन्होंने कहा कि जहां तक पानी की आपूर्ति का संबंध है तो सूखे की स्थिति से निपटने के लिए पोरुर झील से प्रतिदिन चार एमएलडी पानी की आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है। इस कार्य के लिए उपयुक्त सुविधाएं स्थापित करने का कार्य जून के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। चेन्नई की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए कुंडराथुर के निकट २२ परित्यक्त खदानों से ३,००० एमएलडी पानी तथा २४० कृषि कुओं से १०० एमएलडी पानी निकालने का कार्य जारी है। कुल मिलाकर, राज्य सरकार ने दावा किया है कि सभी १२४ नगर पालिकाओं में पानी की कोई कमी नहीं होगी। राज्य में ११ निगम हैं जिनमें पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पल्लवारम, पंपल, अनाकापुथुर, डिंडीगुल और मेट्टूपालयम में जल आपूर्ति परियोजनाओं पर काम चल रहा है।

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