तिरुवनमलै। तिरुवनमलै जिले के राजस्व अधिकारियों ने मंगलवार को राज्य के हिन्दू धार्मिक और धर्मार्थ दान विभाग के मंत्री सेव्वूर एस रामंचद्रन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। तिरुवनमलै जिले के राजस्व अधिकारियों का आरोप है कि मंत्री ने राजस्व अधिकारियों के साथ गाली गलौज की और उन्हें प्रताि़डत करने के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। हालांकि ऐसा भी कहा जा रहा है कि सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम के कुछ विधायकों ने ही राजस्व अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन करने के लिए उकसाया है जबकि वह इस पूरे मामले को शांतिपूर्ण ढंग से आपसी बातचीत के सहारे सुलझाना चाह रहे थे।मंगलवार को राजस्व अधिकारियों ने जिला मुख्यालय के साथ ही तालुक मुख्यालय के सामने भी विरोध प्रदर्शन किया। राजस्व अधिकारी संघ के सदस्यों का कहना है कि जिला कलेक्टर प्रशांत एम वाडनेरे ने राजस्व अधिकारियों को इस बात का स्पष्ट निर्देश दिया है कि सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत किसी भी लाभार्थी का नाम फिलहाल नहीं जो़डा जाए लेकिन मंत्री सेव्वूर रामचंद्रन राजस्व अधिकारियों पर अपनी जान पहचान के लोगों का नाम इस योजना के तहत शामिल करने के लिए दबाव बना रहे हैं। मंत्री द्वारा ऐसे लोगों का नाम भी इस योजना मेें शामिल करने के लिए कहा जा रहा है जो योजना का लाभ पाने के लिए योग्य नहीं है। मंत्री द्वारा राजस्व अधिकारियों पर अपने विधानसभा क्षेत्र के कई लोगों का नाम शामिल करने के लिए कहा गया है।अधिकारियों के अनुसार हाल ही में कालसपाक्कम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों के २,५०० आवेदकों ने सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत अपना नाम शामिल करने के लिए आवेदन दिया था और इनमें से १,५०० लोगों ने वृद्ध पेंशन, विधवा महिलाओं को दी जाने वाली पेंशन और महिलाओं को मिलने वाले आर्थिक लाभ के तहत आवेदन दिया था। इनमें से अधिकतर आवेदक योजना का लाभ पाने के अयोग्य थे लेकिन मंत्री द्वारा अधिकारियों पर ऐसे लोगों को भी पंेशन जारी करने की अनुमति देने का दबाव बनाया जा रहा था। अधिकारियांे का आरोप है कि मंत्री ने अपने जानकारों को फायदा पहुंचाने के लिए तहसीलदार और प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान लोगों के सामने गाली गलौज की।प्रदर्शनक कर रहे राजस्व अधिकारियों का कहना है कि वृद्धा पेंशन और महिलाओं को मिलने वाली वैवाहिक सहायता राशि अथवा विधवा महिलाओं को मिलने वाली आर्थिक सहायता जैसी योजनाओं में किसी भी लाभार्थी का नाम शामिल करने के लिए यह जरुरी है कि ग्राम विकास अधिकारी क्षेत्रीय दौरा कर उसकी निरीक्षण रिपोर्ट सौंपे। उस रिपोर्ट में यदि लाभार्थी लाभ पाने के योग्य पाया जाता है तो ही उसे इन योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है जबकि मंत्री द्वारा आवेदकों से आवेदन प्राप्त करने के स्थान पर ही उनके नाम योजना में शामिल करने के लिए कहा जा रहा है। कथित तौर पर जिन अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करके मंत्री के कहे अनुसार लोगों का नाम लाभार्थी सूची में शामिल नहीं किया है मंत्री ने कलेक्टर को उन अधिकारियों को स्थानांतरित करने के लिए कहा है।हालांकि मंत्री सेव्वूर एस रामचंद्रन ने इन आरोपों से इंकार किया है। मंत्री का कहना है कि जिला कलेक्टर ने हाल ही में अरनी के तहसीलदार के खिलाफ और कुछ अन्य राजस्व अधिकारियों के खिलाफ अपना कार्य सही ढंग से नहीं करने के कारण कार्रवाई शुरु की है और इसलिए राजस्व अधिकारियों द्वारा उन पर यह आरोप लगाया जा रहा है। मंत्री का कहना है कि अरनी मंें आयोजित कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को विभिन्न सामाजिक कल्याण योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए १,८४२ आवेदन प्राप्त हुए थे और राजस्व अधिकारियों ने इनमें से मात्र १४६ आवेदनों को स्वीकार किया और बाकी आवेदनों को निरस्त कर दिया जिसके बाद उन्होंने जिला कलेक्टर से इस बात की शिकायत की थी। मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा शिकायत करने के बाद ही कुछ राजस्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरु की है और यही कारण है कि राजस्व अधिकारी उनके खिलाफ झूठे आरोप लगा रहे हैं।
राजस्व अधिकारियों ने मंत्री के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन
राजस्व अधिकारियों ने मंत्री के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन