बेंगलूरु। कर्नाटक सरकार सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र-आईटी में छंटनी समेत विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए एक नीति लाने को उत्सुक है लेकिन राज्य के आईटी मंत्री प्रियांक खरगे का कहना है कि वह इसे कंपनियों, उसके कर्मचारियों इत्यादि की समस्याओं को सुने बगैर नहीं लाएगी। इस नीति के माध्यम से सरकार कंपनियों द्वारा लोगों से ‘जबरन इस्तीफा’’ देने की समस्या को भी सुलझाना चाहती है।खरगे ने भाषा से कहा, ’’हम विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए एक नीति लाने को उत्सुक हैं। इसमें ‘जबरन इस्तीफा‘ देने की समस्या भी शामिल है। लेकिन हम इसे कंपनी नेतृत्व और कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत होने से पहले नहीं लाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि वह कंपनियों द्वारा वेतन वृद्धि प्रक्रिया में कथित ग़डब़डी के आरोपों को भी देखेंगे। वह केवल किसी एक हितधारक की बातों के आधार पर अपना दृष्टिकोण नहीं बना सकते। उन्हें सारी प्रणाली का ध्यान रखना है, क्योंकि वह इसके संरक्षक हैं, उनका काम ना सिर्फ नौकरियों को उपलब्ध कराना है बल्कि नौकरियों की सुरक्षा करना भी है।
आईटी कंपनियों के बारे में नीति बनाने को उत्सुक कर्नाटक सरकार : खरगे
आईटी कंपनियों के बारे में नीति बनाने को उत्सुक कर्नाटक सरकार : खरगे