चार ट्रक भरे शपथपत्रों के साथ चुनाव आयोग पहुंचे अन्नाद्रमुक नेता

चार ट्रक भरे शपथपत्रों के साथ चुनाव आयोग पहुंचे अन्नाद्रमुक नेता

चेन्नई। राज्य की सत्तारू़ढ पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अम्मा) और अन्नाद्रमुक (पुरुचीतलवी अम्मा) के बीच पार्टी के पुराने चुनाव चिन्ह दो पत्तियों के निशान को लेकर ल़डाई जारी है। इसी बीच, कानून मंत्री सीवी षन्मुगम सोमवार को पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावेदारी जताने के लिए शपथपत्र से भरे ४ ट्रक लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग के नई दिल्ली स्थित कार्यालय पहुंचे।षन्मुगम ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि चुनाव आयोग ने इन दस्तावेजों को पेश करने को कहा था। अब तक १२३ विधायक मुख्यमंत्री ई पलानीसामी के साथ हैं। यह पार्टी पदाधिकारियों के शपथपत्र हैं।’’ बताया जा रहा है कि पलानीसामी के प्रति समर्थन जाहिर करते हुए ३,१०,००० कार्यकर्ताओं ने शपथपत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इन्हीं शपथपत्रों को ४ ट्रकों में भरकर चुनाव आयोग के कार्यालय ले जाया गया है।षन्मुगम ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता एक साथ हैं और पार्टी के पुराने चुनाव चिन्ह को प्राप्त करने के लिए कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से सभी कार्यकर्ताओं से कहा गया था कि अगर वह पार्टी के पुराने चुनाव चिन्ह को प्राप्त करना चाहते हैं तो अपना शपथपत्र हम तक पहुंचाएं। सभी शपथपत्र प्राप्त करने के बाद अब हम ये चुनाव आयोग के पास पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस बात की उम्मीद है कि इतनी भारी संख्या में शपथपत्रों को सौंपने के बाद अब निर्वाचन आयोग द्वारा हमें पार्टी का पुराना चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जाएगा।ज्ञातव्य है कि अप्रैल महीने में अन्नाद्रमुक (अम्मा) के उप महासचिव टीटीवी दिनाकरण को पार्टी के पुराने चुनाव चिन्ह को प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश करने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। दिनाकरण पर आरोप है कि उन्होंने सुकेश चंद्रशेखर नामक एक मध्यस्थ को चुनाव अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए नकदी मुहैया कराया था। इसके साथ ही दिनाकरण पर चंद्रशेखर को नकदी मुहैया करवाने के लिए हवाला का प्रयोग करने का भी आरोप लगाया था। फिलहाल इस मामले में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने टीटीवी दिनाकरण को सशर्त जमानत दे दी है।जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक में वर्चस्व और जयललिता के आवास पर हक की ल़डाई तेज हो गई है। रविवार को जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार को पोएस गार्डन स्थित वेदा निलयम के बाहर शशिकला के समर्थकों और पुलिस ने रोक लिया था। जबकि उनके भाई दीपक जयकुमार उनके आवास में मौजूद थे। उनका दावा था कि वह सिर्फ उनकी बुआ थीं, लिहाजा इस संपत्ति पर सिर्फ उनका हक है।

About The Author: Dakshin Bharat