बेंगलूरु। शहर की स़डकों से वाहनों का दबाव कमतर करने के लिए जल्दी ही यहां उपनगरीय रेल प्रणाली की शुरुआत की जाएगी। गुरुवार को बेंगलूरु विकास और शहरी योजना मंत्री केजे जॉर्ज तथा केंद्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन एवं सांख्यिकी मंत्री डीवी सदानंद गौ़डा की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया है। लगभग एक घंटे तक चली इस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में दोनों मंत्रियों ने इस बहुप्रतीक्षित रेल सेवा का काम शुरू करने की जानकारी दी। इस बैठक में बेंगलूरु मध्य संसदीय क्षेत्र के सांसद पीसी मोहन, शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महेंद्र जैन, बेंगलूरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला, दक्षिण-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक एके गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक आरएस सक्सेना और अन्य लोग भी शामिल हुए।जानकारी के मुताबिक, दोनों मंत्रियों की बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि राज्य के अधिकारी जल्दी ही नई दिल्ली जाकर रेल मंत्री सुरेश प्रभु और रेलवे बोर्ड के सदस्यों से इस परियोजना के बारे में बातचीत करेंगे। राज्य सरकार पहले ही उप नगरीय रेल परियोजना के लिए केंद्र सरकार को एक स्पेशल परपज वेहिकल (एसपीवी) गठित करने का अनुरोध भेज चुकी है।पत्रकारों से बातचीत में सदानंद गौ़डा ने कहा कि मेट्रो रेल सेवा के पहले फेज का काम पूरा हो जाने से बेंगलूरु शहर में स़डक यातायात काफी हद तक सुगम हो गया है। अब यहां उप नगरीय रेल व्यवस्था की जरूरत महसूस की जा रही है। इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा। शुरुआती तौर पर १५ ट्रेनों को मेनलाइन इले्ट्रिरक मल्टिपल यूनिट (एमईएमयू) में तब्दील किया जाएगा, ताकि इनकी मौजूदा यात्री ढोने की क्षमता दुगनी की जा सके। इससे शहर की स़डकों पर वाहनों का दबाव ४० प्रतिशत तक घटाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि शहर की जरूरत बन चुकी इस परियोजना पर केंद्र व राज्य सरकारें पूरे समन्वय के साथ काम कर रही हैं। सदानंद गौ़डा और जॉर्ज की हुई बैठक में शहर से केंपेगौ़डा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक रेल मार्ग बनाने की संभावनाओं पर भी विचार किया गया। यह लिंक रेलमार्ग यशवंतपुर से यलहंका होते हुए एयरपोर्ट तक पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है। जॉर्ज ने कहा कि अगर रेलवे अपनी निर्माण एवं स्थापना भुजा राइट्स के जरिए इस परियोजना के बारे में उपादेयता रिपोर्ट सौंपे तो राज्य सरकार इस सर्वेक्षण पर आने वाली लागत का बोझ उठाने को तैयार है। पत्रकारों को इस परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए शहरी स़डक परिवहन आयुक्त दर्पण जैन ने अपने प्रेजेंटेशन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक रेलमार्ग परियोजना के पहले चरण में उन क्षेत्रों पर काम किया जाएगा, जिन क्षेत्रों में रेल लाइन दोहरीकरण और बिजली आपूर्ति का काम पूरा हो चुका है। इन में बेंगलूरु-बंगापेट, बेंगलूरु-मंड्या, बेंगलूरु-टुमकूरु और बेंगलूरु-केंपेगौ़डा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा खंड शामिल हैं। बहरहाल, पूरी तस्वीर तभी स्पष्ट होगी, जब राज्य के अधिकारी रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पूरी परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
बैठक में शहर से केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक रेल मार्ग बनाने की संभावनाओं पर भी विचार किया गया। यह लिंक रेलमार्ग यशवंतपुर से यलहंका होते हुए एयरपोर्ट तक पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है।