लोकतंत्र में जनता को नेता होना चाहिए : उपेन्द्र

लोकतंत्र में जनता को नेता होना चाहिए : उपेन्द्र

बेंगलूरु। कन्ऩड फिल्म अभिनेता और निर्देशक उपेन्द्र ने शनिवार को अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि वे राजनीतिक शुचिता और जनसेवा के लिए राजनीति पार्टी बना रहे हैं। उपेंद्र ने आरोप लगाया कि राजनेताओं ने जनता के आंदोलनों का फायदा खुद के लिए लेना शुरु किया है और लोगों की निरक्षरता का लाभ उठाकर धन संग्रह करने में इसका उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि बजट राशि चाहे वह केन्द्र का हो या राज्य का, वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कर-दाताओं के भुगतान का पैसा रहता है। बावजूद इसके लिए बजट राशि को खर्च करने में कोई पारदर्शिता नहीं है और जरुरतमंदों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। एक ओर जहां अमीर और ज्यदा अमीर हो रहे हैं वहीं गरीबों को जीवन जीने के लिए संघर्ष करना प़ड रहा है। उपेन्द्र ने कहा, मैं कोई राजनेता नहीं हूं, ना ही मैं कोई सरकारी सेवक हूं। मैं एक कार्यकर्ता और मैं पार्टी की भलाई के लिए काम करूंगा। समानविचारधारा के सभी लोग हमारी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हर किसी को खाकी पहनना चाहिए न कि खादी क्योंकि खाकी श्रमिकों की पहचान है। उपेन्द्र ने कहा कि लोकतंत्र में लोगों को नेता होना चाहिए, लेकिन राजनेता नेता बन गए हैं और आम आदमी द्वारा दिए गए टैक्स के पैसे से जीवन का आनंद ले रहे हैं। इस बात का आग्रह करते हुए कि राजनीतिक दल की जवाबदेही होनी चाहिए उपेंद्र ने कहा कि वह प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहते हैं और कर-दाताओं के खर्च किए गए एक एक पैसे का हिसाब देना चाहते हैं। पहले ऐसे दिन थे जब लोग अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए आंदोलन करते थे लेकिन अब दिन बदल गए हैं ऐसे शारीरिक आंदोलन करना कोई जरूरी नहीं रह गया है क्योंकि आधुनिक तकनीक का उपयोग करके अपनी मांगों को पूरा कराया जा सकता है। इसके लिए सोशल मीडिया के माध्यम से राय और सहायता प्राप्त की जा सकती है। उपेन्द्र ने कहा कि उन्होंने अब कन्ऩड और तेलुगू फिल्मों में काम करने के प्रस्तावों को ठुकरा दिया है और अब उन्होंने लोगों की सेवा करने का निर्णय लिया है।

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